चैतन्यानंद की सहयोगी गिरफ्तार, छात्राओं को धमकाने व अपराध के लिए उकसाने के आरोप
उन्हें सरस्वती के अश्लील संदेशों को अपने फोन से हटाने के लिए मजबूर करती थीं
स्वयंभू बाबा चैतन्यानंद सरस्वती द्वारा छात्राओं के कथित उत्पीड़न के सिलसिले में यहां एक निजी संस्थान की एसोसिएट डीन और वरिष्ठ संकाय सदस्य सहित 3 महिला अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने यह जानकारी दी।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान एसोसिएट डीन श्वेता शर्मा, कार्यकारी निदेशक भावना कपिल और वरिष्ठ संकाय सदस्य काजल के रूप में हुई है। उनपर अपराध के लिए उकसाने, धमकाने और सबूत नष्ट करने के आरोप हैं। पूछताछ के दौरान इन तीनों ने सरस्वती (62) के निर्देशों का पालन करने तथा अनुशासन और समय की पाबंदी के बहाने छात्राओं पर दबाव बनाने की बात स्वीकार की। पुलिस ने कहा कि वे पीड़िताओं को धमकाती थीं। उन्हें सरस्वती के अश्लील संदेशों को अपने फोन से हटाने के लिए मजबूर करती थीं।
अल्मोड़ा में एक पुलिस दल ने कथित अतिथि गृह का दौरा किया, जहां सरस्वती कथित तौर पर छात्राओं के साथ रुका था। मोबाइल फोन से बरामद डिजिटल साक्ष्य कथित तौर पर दर्शाते हैं कि सरस्वती ने एक ‘मैसेजिंग एप्लिकेशन' पर बने ‘योग ग्रुप' पर साझा की गई छात्राओं की तस्वीरों पर अनुचित टिप्पणियां कीं। सरस्वती को पिछले रविवार को आगरा से गिरफ्तार किया गया था। पुलिस पहले उसे जांच और पहचान के लिए दिल्ली स्थित निजी संस्थान के परिसर में ले गई थी, जहां उसने 17 छात्राओं का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न किया था।
जांच से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बुधवार को तलाशी के दौरान, पुलिस ने उसके परिसर से अश्लील सामग्री, एक ‘सेक्स टॉय' और कई सीडी जब्त कीं। जांचकर्ताओं ने सरस्वती के ‘अश्लील चैट रिकॉर्ड' भी बरामद किए, जिसमें वह महिलाओं को "बेबी डॉल" कहकर संबोधित करता था और उन्हें विदेशों में ग्राहकों को कथित तौर पर पेशकश करता था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और ब्रिटेन के एक नेता के साथ फर्जी तस्वीरों सहित कई तस्वीरें भी जब्त की गईं।
सरस्वती पर महिलाओं को ‘फ्लाइट स्टीवर्ड' या उनके संस्थान में नौकरी का वादा करके लुभाने और इन बहानों का इस्तेमाल व्यक्तिगत बातचीत शुरू करने के लिए करने का आरोप है। उसका कार्यालय महिलाओं को प्रभावित करने के लिए एक ‘लक्जरी सुइट' जैसा बनाया गया था, और वह अक्सर महंगे उपहार देता था और उनसे योग करते हुए अपनी तस्वीरें और वीडियो साझा करने के लिए कहता था। जांच में शामिल एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘सरस्वती का रवैया किसी भी तरह के अपराधबोध या पछतावे को नहीं दर्शाता है।