Chaitanyananda Case : यौन शोषण आरोपी चैतन्यानंद की गुहार के बीच तिहाड़ का दावा- “हिरासत बिल्कुल सुरक्षित”
चैतन्यानंद सुरक्षित हिरासत में: तिहाड़ के अधिकारियों ने अदालत को बताया
Chaitanyananda Case : तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने शहर की एक अदालत को सूचित किया है कि दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के एक निजी संस्थान में 16 छात्राओं के यौन उत्पीड़न का आरोपी स्वयंभू धर्मगुरु चैतन्यानंद सरस्वती ‘सुरक्षित हिरासत' में है। इससे पहले, चैतन्यानंद ने न्यायिक मजिस्ट्रेट अनिमेष कुमार के समक्ष दावा किया था कि तिहाड़ जेल में उसकी जान को खतरा है। एक प्रबंधन संस्थान का पूर्व अध्यक्ष और स्वयंभू धर्मगुरु यौन शोषण के आरोपों में न्यायिक हिरासत में है।
मंगलवार को मजिस्ट्रेट के समक्ष जेल अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत एक स्थिति रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्होंने आरोपी से उसके दावे के संबंध में बातचीत की, लेकिन उसने किसी का नाम नहीं बताया। जेल उपाधीक्षक द्वारा हस्ताक्षरित रिपोर्ट में कहा गया है कि कैदी वर्तमान में सुरक्षित हिरासत में है। उसे सलाह दी गई है कि जब भी उसे किसी के द्वारा परेशान किए जाने या धमकी महसूस हो, तो वह तुरंत किसी भी जेल अधिकारी या सीधे हस्ताक्षरकर्ता को मामले की सूचना दे सकता है।
इसमें कहा गया है कि जेल कर्मचारियों को भी आरोपी द्वारा की गई किसी भी शिकायत का समाधान करने के लिए सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है। रिपोर्ट के एक हिस्से में लिखा था कि बातचीत के दौरान, संबंधित कैदी ने जेल वैन और हवालात में भी सुरक्षा संबंधी आशंका जताई थी। इसमें कहा गया है कि जेल से अदालत ले जाते समय उसकी सुरक्षा के लिए दिल्ली पुलिस के एक डीसीपी स्तर के अधिकारी को पत्र भेजा गया है। चैतन्यानंद के भगवा वस्त्र पहनने की अनुमति नहीं होने के दावे पर अधिकारियों ने कहा कि कार्यालय को इस पर कोई आपत्ति नहीं है।
इसमें कहा गया है कि चैतन्यानंद को पहले ही प्याज और लहसुन रहित प्रतिबंधित आहार की अनुमति दी जा चुकी है। इसके अनुसार कि रसोई में तैनात कर्मचारियों को कैदी को नियमित रूप से उक्त प्रतिबंधित आहार उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। चैतन्यानंद को उसकी 14 दिन की न्यायिक हिरासत पूरी होने पर 15 नवंबर को एक मजिस्ट्रेट अदालत में पेश किया गया था, जहां उसने ये दावे किए।
उसके आरोपों के जवाब में, अदालत ने जेल अधिकारियों से एक विस्तृत स्थिति रिपोर्ट मांगी थी। चैतन्यानंद ने सात नवंबर को एक सत्र अदालत से अपनी जमानत याचिका वापस ले ली। उसके वकील ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश दीप्ति देवेश को बताया कि याचिका वापस ली जा रही है, क्योंकि आरोपपत्र दाखिल होने के बाद आरोपों की जांच की जरूरत है।

