नयी दिल्ली, 27 अप्रैल (एजेंसी)
दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र से सीडीएस परीक्षा के माध्यम से भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए), भारतीय नौसेना अकादमी (आईएनए) और भारतीय सशस्त्र बलों की वायु सेना अकादमी में महिलाओं के प्रवेश की मांग करने वाले एक प्रतिवेदन पर 8 सप्ताह में निर्णय लेने को कहा है। अदालत ने कुश कालरा की याचिका पर यह आदेश पारित किया, जिन्होंने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा भारतीय सशस्त्र बल की भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए), भारतीय नौसेना अकादमी (आईएनए) और वायु सेना अकादमी और अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (ओटीए) में भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित करने वाली दिसंबर 2023 की अधिसूचना को चुनौती दी थी। इस मुद्दे पर याचिकाकर्ता का प्रतिवेदन अब भी अधिकारियों के पास लंबित होने के मद्देनजर, कार्यवाहक चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत पीएस अरोड़ा की पीठ ने शुक्रवार को कहा कि प्रतिवादी को 8 सप्ताह के भीतर कानून के अनुसार प्रतिवेदन पर निर्णय लेने के निर्देश के साथ रिट याचिका का निस्तारण किया जाता है। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि अधिसूचना ने अनुचित रूप से महिलाओं को लैंगिक आधार पर आईएमए, आईएनए और आईएफए के लिए आयोजित होने वाली परीक्षा में शामिल होने से बाहर कर दिया, क्योंकि यह केवल उन्हें ओटीए में शॉर्ट सर्विस कमीशन के लिए विचार करने की अनुमति देता है।