नयी दिल्ली (एजेंसी) : सुप्रीम कोर्ट ने राज्य स्तर पर हिंदुओं समेत अल्पसंख्यकों की पहचान करने से जुड़े मामले पर केंद्र द्वारा अलग-अलग रुख अपनाए जाने को लेकर मंगलवार को नाराजगी जताई और उसे तीन महीने में इस मामले पर राज्यों के साथ विचार-विमर्श करने का निर्देश दिया। केंद्र ने मार्च में कहा था कि जहां हिंदू और अन्य समुदायों की संख्या कम है, उन्हें अल्पसंख्यक का दर्जा देने या नहीं देने का फैसला राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को करना है। जस्टिस एसके कौल और जस्टिस एमएम सुंदरेश की पीठ मामले की सुनवाई कर रही है। शीर्ष अदालत ने पूर्व में केंद्र को उस याचिका का जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय दिया था, जिसमें राज्य स्तर पर अल्पसंख्यकों की पहचान के आदेश देने का अनुरोध करते हुए कहा गया था कि 10 राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक हैं। अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने याचिका दायर की है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने पूर्व में शीर्ष अदालत को बताया था कि राज्य सरकारें हिंदुओं सहित किसी भी धार्मिक या भाषाई समुदाय को अल्पसंख्यक घोषित कर सकती हैं।