Caste Census : भरोसे की नहीं रही बात, जातीय जनगणना पर अखिलेश का BJP पर वार
लखनऊ, 16 जून (भाषा)
Caste Census : समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर जातीय जनगणना के आंकड़ों के मामले में भरोसा नहीं किया जा सकता है।
यादव ने यहां पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में एक सवाल के जवाब में भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग प्रयागराज महाकुंभ जैसे पवित्र मामले (भगदड़ में हुई मौतों के मामले में) में झूठ बोल सकते है, वे भरोसे के लायक नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों पर मतदाता सूची और जातीय जनगणना के आंकड़ों के मामले में भरोसा नहीं किया जा सकता है।
भाजपा सरकार कब कौन सा आंकड़ा दे दे, कुछ कहा नहीं जा सकता है। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से कहा कि उन्हें जातीय जनगणना के आंकड़ों पर ध्यान रखना होगा, पूरी तरह सतर्क रहना होगा। सरकार ने 2011 की पिछली जनगणना के 16 वर्षों बाद सोमवार को भारत की 16वीं जनगणना के लिए एक अधिसूचना जारी की, जिसमें 2027 में जातीय जनगणना शामिल होगी।
अधिसूचना में कहा गया है कि लद्दाख जैसे बर्फीले क्षेत्रों में एक अक्टूबर, 2026 और देश के बाकी हिस्सों में एक मार्च, 2027 को संदर्भ तिथि के साथ जनगणना की जाएगी। आगामी जनगणना में जाति गणना भी की जाएगी, जो आजादी के बाद पहली बार होगी। पिछली व्यापक जाति आधारित गणना अंग्रेजों ने 1881 से 1931 के बीच कराई थी। आजादी के बाद से की गई सभी जनगणनाओं से जाति को बाहर रखा गया था। आगामी जनगणना में जाति गणना को शामिल करने का फैसला 30 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति ने लिया था।
एक सवाल के जवाब में अखिलेश यादव ने कहा कि लड़ाई कहीं भी और किसी देश के बीच हो वह बंद होनी चाहिए। हम किसी युद्ध के पक्ष में नहीं है। हम केंद्र सरकार से कहेंगे कि अपने देश के जो भी नागरिक युद्धग्रस्त देशों में जहां भी फंसे हुए है उन्हें वापस लाए।