नयी दिल्ली, 2 मई (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को संविधान के अनुच्छेद 21 का हवाला देते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति को कोरोना रोधी टीकाकरण के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता। इसके साथ अदालत ने केंद्र से इस तरह के टीकाकरण के प्रतिकूल प्रभाव के आंकड़ों को सार्वजनिक करने के लिए कहा। पीठ ने सुझाव दिया कि जब तक कोविड संक्रमितों की संख्या कम है, तब तक सार्वजनिक क्षेत्रों में टीकाकरण नहीं करवाने वालों पर कोई पाबंदी नहीं होनी चाहिए।