Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

Canada News: पहली बार जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा में खालिस्तान समर्थकों की मौजूदगी स्वीकारी

कहा- कनाडा में खालिस्तान के समर्थक हैं, लेकिन वे पूरे सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करते
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
featured-img featured-img
कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो। वीडियो ग्रैब
Advertisement

चंडीगढ़, 9 नवंबर (ट्रिन्यू)

Canada News: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने पहली बार कनाडा में खालिस्तानी समर्थन के आधार को सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है। ओटावा के संसद हिल पर दिवाली उत्सव के दौरान एक बयान में ट्रूडो ने कहा, “कनाडा में खालिस्तान के समर्थक हैं, लेकिन वे पूरे सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करते।”

Advertisement

ट्रूडो ने इस बयान में खालिस्तानी तत्वों की मौजूदगी को जरूर माना, लेकिन तुरंत यह भी कहा कि वे सिख समुदाय के सम्पूर्ण विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते। यह बयान ऐसे समय में आया है जब हाल ही में ब्रैम्पटन स्थित एक मंदिर में खालिस्तानी कट्टरपंथियों द्वारा हिंदू-कनाडाई श्रद्धालुओं पर हमले के बाद कनाडा में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए।

घटना के बाद प्रधानमंत्री ट्रूडो ने इस हमले की कड़ी निंदा की और कहा कि प्रत्येक कनाडाई को अपनी आस्था का पालन स्वतंत्र और सुरक्षित रूप से करने का अधिकार है। उन्होंने स्थानीय अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई और समुदाय की सुरक्षा के लिए धन्यवाद दिया। इस घटना की भारत ने भी कड़ी निंदा की और मांग की कि हिंसा करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाए।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारत कनाडा में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर “गहराई से चिंतित” है। भारत और कनाडा के बीच संबंध पिछले साल सितंबर से तनावपूर्ण बने हुए हैं, जब प्रधानमंत्री ट्रूडो ने खालिस्तानी चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की “संभावित संलिप्तता” का आरोप लगाया था, जिसे भारत ने “बेतुका” बताकर खारिज कर दिया था। भारत का कहना है कि दोनों देशों के बीच मुख्य मुद्दा कनाडा में खुलेआम खालिस्तानी तत्वों को पनाह देना है।

ट्रूडो की इस स्वीकारोक्ति के वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं, और इसे लेकर दुनियाभर में प्रतिक्रियाएं आई हैं, जिसमें कनाडा के कई नेताओं ने भी निंदा की है। ट्रूडो पर बार-बार आरोप लगता रहा है कि वे कथित “वोट बैंक” के लिए अप्रवासन को बढ़ावा दे रहे हैं।

Advertisement
×