नयी दिल्ली, 12 दिसंबर (एजेंसी)
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि भारत देश के लोगों पर जबरन परिवार नियोजन थोपने के विरोध में है और निश्चित संख्या में बच्चों को जन्म देने की किसी भी तरह की बाध्यता हानिकारक होगी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने शीर्ष अदालत में पेश हलफनामे में कहा कि देश में परिवार कल्याण कार्यक्रम स्वैच्छिक है जिसमें अपने परिवार के आकार का फैसला दंपति कर सकते हैं और इच्छानुसार परिवार नियोजन के तरीके अपना सकते हैं। इसमें किसी तरह की अनिवार्यता नहीं है। भाजपा नेता अश्विनी कुमार उपाध्याय की जनहित याचिका पर प्रतिक्रिया में यह बात कही गई है।