अहमदाबाद, 8 मार्च (एजेंसी)
गुजरात हाईकोर्ट ने आयकर विभाग से पूछा है कि क्या आश्रितों को मिलने वाली मृत्यु क्षतिपूर्ति को आय माना जा सकता है और क्या यह आयकर अधिनियम के तहत कर योग्य है। अदालत 1986 में पैन अमेरिकन वर्ल्ड एयरवेज की उड़ान के अपहरण के दौरान मारी गई एक महिला के पति द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति निशा ठाकुर की खंडपीठ ने आयकर विभाग से सवाल किया कि क्या मुआवजे के रूप में मिली राशि को कानून के तहत कर योग्य आय कहा जा सकता है।
याचिकाकर्ता कल्पेश दलाल ने 20 करोड़ रुपये की क्षतिपूर्ति पर आयकर भुगतान के लिए आयकर विभाग से नोटिस मिलने पर अदालत में अपील की थी। दलाल की पत्नी तृप्ति 1986 में मुंबई से न्यूयॉर्क जा रही उस उड़ान में सवार थीं, जिसे अपहरणकर्ताओं ने कराची में उतरने को मजबूर किया। न्यूयॉर्क की एक अदालत ने 2013-14 और 2014-15 के बीच दलाल को 20 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया, लेकिन उन्होंने उसे आकलन वर्ष 2014-15 के लिए दाखिल कर रिटर्न में आय के रूप में नहीं दिखाया। आयकर विभाग ने 2014 में याचिकाकर्ता को समन जारी किया था और पिछले साल मामले को दोबारा खोल दिया।