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विदेशी कर्ज कम दिखाने पर कैग ने उठाए सवाल

संदीप दीक्षित/ट्रिन्यू नयी दिल्ली, 18 सितंबर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की एक रिपोर्ट में फुटनोट के माध्यम से वास्तविक स्थिति का खुलासा करने की केंद्र सरकार की प्रथा पर नाराजगी जताई गई है। इसके परिणामस्वरूप केंद्रीय बजट के मुख्य...

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संदीप दीक्षित/ट्रिन्यू

नयी दिल्ली, 18 सितंबर

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नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की एक रिपोर्ट में फुटनोट के माध्यम से वास्तविक स्थिति का खुलासा करने की केंद्र सरकार की प्रथा पर नाराजगी जताई गई है। इसके परिणामस्वरूप केंद्रीय बजट के मुख्य भाग में ‘विनिमय की ऐतिहासिक दर’ पर 4.39 लाख करोड़ रुपये का विदेशी ऋण दिखाया गया है, जबकि वर्तमान विनिमय दर पर वास्तविक कर्ज 6.58 लाख करोड़ रुपये है, जिसे फुटनोट के रूप में छोटे प्रिंट में दर्शाया गया है। यह पाया गया कि वास्तविक कर्ज ऐतिहासिक दर पर दिखाए गए कर्ज से 2.18 लाख करोड़ रुपये अधिक था। कैग ने 2021-22 के लिए केंद्र सरकार के वित्तीय ऑडिट में कहा कि केवल एक फुटनोट के माध्यम से विदेशी ऋण के मूल्य के इस खुलासे ने खातों की पारदर्शिता को प्रभावित किया है। इसने यह भी बताया कि ‘विनिमय की ऐतिहासिक दर’ पर विदेशी ऋण की गणना एफआरबीएम अधिनियम, 2003 का उल्लंघन है।

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इसी तरह, आरबीआई के क्लोजिंग कैश बैलेंस के साथ केंद्र के खाते का अंतर भी एक फुटनोट में दिखाया गया है। इस फुटनोट में नागरिक मंत्रालयों, गैर-नागरिक मंत्रालयों, केंद्रशासित प्रदेशों के बीच अंतर और इसके कारणों का विवरण दिया गया है। अपने जवाब में, लेखा महानियंत्रक (सीजीए) ने कहा कि फुटनोट वर्ष के दौरान योग्य लेनदेन या केंद्र सरकार के वित्तीय खातों (यूजीएफए) में दिखाई देने वाली शेष राशि के लिए डाले गए हैं। कुछ मामलों में, हितधारकों को अतिरिक्त जानकारी देने के लिए भी फुटनोट डाले गए, जो यूजीएफए के प्रारूप का हिस्सा नहीं हैं।

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