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Burnt Cash Controversy सुप्रीम कोर्ट ने जली हुई नकदी की तस्वीरें अपलोड कीं, जस्टिस यशवंत वर्मा ने आरोपों से किया इनकार

ट्रिब्यून न्यूज सर्विस नयी दिल्ली, 23 मार्च Burnt Cash Controversy  सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार रात एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय द्वारा सौंपी गई जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक कर दिया। इस रिपोर्ट के साथ...
सुप्रीम कोर्ट द्वारा अपलोड किए गए वीडियो का एक दृश्य, जिसमें जज के घर में जली हुई नकदी दिख रही है।
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ट्रिब्यून न्यूज सर्विस

नयी दिल्ली, 23 मार्च

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Burnt Cash Controversy  सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार रात एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय द्वारा सौंपी गई जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक कर दिया। इस रिपोर्ट के साथ जस्टिस यशवंत वर्मा की प्रतिक्रिया भी अपलोड की गई, जिसमें उन्होंने अपने आवास से बेहिसाब नकदी मिलने के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर उन दस्तावेजों को भी अपलोड किया है, जिनमें जली हुई नकदी की तस्वीरें और वीडियो शामिल हैं। ये सबूत 14 मार्च को दिल्ली पुलिस द्वारा दमकल अभियान के दौरान लिए गए थे। इन तस्वीरों और वीडियोज़ को आरोपों की पुष्टि करने के लिए सार्वजनिक किया गया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा रिपोर्ट और साक्ष्यों को सार्वजनिक करने के इस फैसले के बाद मामले ने और गंभीर रूप ले लिया है। अब इस पूरे घटनाक्रम पर आगे की कानूनी कार्रवाई पर सबकी निगाहें टिकी हैं।

जस्टिस वर्मा का स्पष्टीकरण

Burnt Cash Controversy इन आरोपों का कड़ा खंडन करते हुए जस्टिस यशवंत वर्मा ने अपने जवाब में कहा, “मैं स्पष्ट रूप से कहता हूं कि न तो मैंने और न ही मेरे परिवार के किसी सदस्य ने उस स्टोररूम में कभी कोई नकदी रखी। यह आरोप सरासर निराधार और हास्यास्पद है कि यह नकदी हमारी थी।'

उन्होंने आगे कह कि यह सोचना भी अविश्वसनीय है कि कोई व्यक्ति खुले और सामान्य रूप से उपयोग किए जाने वाले स्टोररूम में नकदी छुपाएगा, जो स्टाफ क्वार्टर्स के पास स्थित है। यह कमरा पूरी तरह से मेरे रहने के क्षेत्र से अलग है, जिसे एक बाउंड्री वॉल से अलग किया गया है। मैं केवल यही चाहता हूं कि मीडिया ने मेरी छवि खराब करने से पहले पूरी जांच-पड़ताल की होती।

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