मुख्य समाचारदेशविदेशहरियाणाचंडीगढ़पंजाबहिमाचलबिज़नेसखेलगुरुग्रामकरनालडोंट मिसएक्सप्लेनेरट्रेंडिंगलाइफस्टाइल

ब्रिटेन ने फलस्तीनी राष्ट्र को दी मान्यता, अमेरिका और इजराइल की ओर से हुए विरोध को किया दरकिनार

इस कदम का उद्देश्य फलस्तीनियों और इजराइलियों के बीच शांति की उम्मीदों को जिंदा रखना
Advertisement

ब्रिटिश प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर ने अमेरिका और इजराइल के कड़े विरोध के बावजूद रविवार को ब्रिटेन की ओर से फलस्तीनी राष्ट्र को मान्यता देने की पुष्टि की। उन्होंने इस संबंध में कनाडा और ऑस्ट्रेलिया के बाद यह घोषणा की। स्टॉर्मर ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य फलस्तीनियों और इजराइलियों के बीच शांति की उम्मीदों को जिंदा रखना है।

यह कदम मोटे तौर पर सांकेतिक है, लेकिन इसका ऐतिहासिक महत्व भी है क्योंकि ब्रिटेन ने ही इजराइली राष्ट्र की स्थापना के लिए 1917 में जमीन तैयार की थी। उस समय के फलस्तीन पर ब्रिटेन का नियंत्रण था। जुलाई में स्टॉर्मर ने कहा था कि अगर इजराइल गाजा में संघर्ष विराम के लिए सहमत नहीं होता है, तो ब्रिटेन फलस्तीनी राष्ट्र को मान्यता देगा। ब्रिटेन अकेला फलस्तीनी राष्ट्र को मान्यता नहीं दे रहा।

Advertisement

140 से अधिक देश पहले ही इस दिशा में कदम उठा चुके हैं। इस सप्ताह के अंत में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान फ्रांस समेत कई और देश ऐसा कर सकते हैं। ब्रिटेन ने अमेरिका के विरोध को दरकिनार करते हुए यह कदम उठाया है। कुछ दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिटेन की यात्रा के दौरान इस योजना से असहमति जताई थी। ट्रंप ने कहा था कि इस मामले पर मैं प्रधानमंत्री (स्टॉर्मर) से असहमत हूं।

अमेरिका और इजराइल सरकार के साथ-साथ विभिन्न आलोचकों ने इस योजना की निंदा करते हुए कहा है कि यह हमास और आतंकवाद को बढ़ावा देगी। स्टॉर्मर ने इस बात पर जोर दिया है कि फलस्तीनी लोगों के शासन के भविष्य में हमास की कोई भूमिका नहीं होगी और उसे 7 अक्टूबर, 2023 के हमलों में अब तक बंधक बनाए गए इजराइली बंधकों को रिहा करना होगा।

पिछले 100 वर्षों में पश्चिम एशिया की राजनीति में फ्रांस और ब्रिटेन की ऐतिहासिक भूमिका रही है। प्रथम विश्व युद्ध में ओटोमन साम्राज्य की हार के बाद दोनों देशों ने इस क्षेत्र का विभाजन किया था। इस विभाजन के परिणामस्वरूप, तत्कालीन फलस्तीन पर ब्रिटेन का शासन स्थापित हुआ। ब्रिटेन ने ही 1917 में बैल्फोर घोषणापत्र भी तैयार किया था, जिसमें "यहूदी लोगों के लिए एक राष्ट्र" की स्थापना का समर्थन किया गया था।

Advertisement
Tags :
BritainBritain Palestine conflictDainik Tribune Hindi NewsDainik Tribune newsHindi NewsIsrael Gaza warlatest newsPalestine nationPalestinian state recognitionUS Newsदैनिक ट्रिब्यून न्यूजहिंदी समाचार
Show comments