तकनीकी खराबी आती रही हैं बोइंग 787 में, यह पहला घातक हादसा
विजय मोहन/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 12 जून
एयर इंडिया के बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर की यह पहली घातक दुर्घटना है, हालांकि पहले भी विमान में तकनीकी खराबी और सुरक्षा मुद्दों जैसे कि इसकी लिथियम आयन बैटरी, हाइड्रोलिक और ईंधन रिसाव, फ्लैप की खराबी और संरचनात्मक अखंडता से जुड़ी समस्याओं के बारे में कई रिपोर्टें आई हैं।
पिछले साल, बोइंग इंजीनियर और व्हिसलब्लोअर सैम सालेहपुर ने आरोप लगाया था कि कंपनी ने अपने 777 और 787 ड्रीमलाइनर जेट विमानों के निर्माण में शॉर्टकट अपनाए और विमानों के पुराने होने के साथ जोखिम भयावह हो सकते हैं। बृहस्पतिवार को हुए हादसे के बारे में विमानन सुरक्षा सलाहकार जॉन एम कॉक्स ने कहा कि जांचकर्ता पहला सवाल यह पूछेंगे कि एयर इंडिया का यह विमान उड़ान भरने के लिए सही ढंग से तैयार था या नहीं। विमान के इस प्रारूप से दुनिया भर में आठ गंभीर दुर्घटनाए और विभिन्न प्रकार की लगभग 100 अन्य घटनाएं रिपोर्ट की गई हैं। भारत में बोइंग 787 से जुड़ी पहली घटना 12 अक्तूबर, 2013 को बेंगलुरु में हुई थी। उस वक्त तकनीकी खराबी के चलते रनवे पर उतरते समय ‘हीट एक्सचेंजर एक्सेस पैनल’ अलग हो गया था। उसी वर्ष दिसंबर में कोलकाता में एक और घटना हुई। वर्ष 2014 और 2015 में दो घटनाएं हुईं, एक घटना जिसमें मुंबई हवाई अड्डे से उड़ान भरने के तुरंत बाद बोइंग 787 एक छोटे विमान से टकराने से बाल-बाल बच गया, जो जुहू में उसी समय बगल के विमान से उड़ान भर रहा था, और दूसरी घटना जुलाई 2015 में हुई जब दिल्ली हवाई अड्डे पर एक तूफान के दौरान एक पार्क किए गए विमान को एयरो-ब्रिज से टक्कर हुई। वर्ष 2016 में तीन एयर इंडिया के बोइंग 787 और डच केएलएम एयरलाइंस के एक विमान से जुड़ी तीन घटनाएं हुईं। अक्तूबर 2017 में दिल्ली में एक पार्किंग बे में एयरपोर्ट सर्विस वाहन से टकराने के बाद एक अन्य विमान के इंजन क्षतिग्रस्त हो गए। वर्ष 2023 में एयर इंडिया के तीन विमानों और भारत में विदेशी ऑपरेटरों से जुड़ी बोइंग 787 दुर्घटनाओं की सबसे अधिक संख्या देखी गई। दिसंबर 2009 में अपनी पहली उड़ान भरने वाले दोहरे इंजन वाले लंबी दूरी के वाणिज्यिक एयरलाइनर के रूप में वर्णित अमेरिकी निर्माता बोइंग ने अब तक 2,137 विमानों के कुल ऑर्डर के मुकाबले 1,189 ड्रीमलाइनर तैयार किए हैं।