पांच जिलों में खाता नहीं खुलने के कारण तलाशेंगे भाजपाई, 7 बार के MLA अनिल विज लिस्ट में नहीं
Haryana News: हरियाणा की सत्तारूढ़ भाजपा प्रदेश के उन पांच जिलों में हार के कारणों को तलाशेगी, जहां 2024 के चुनावों में भाजपा का खाता नहीं खुल पाया। इनमें सिरसा, नूंह, झज्जर व रोहतक जिले ऐसे हैं, जहां 2019 में भी भाजपा के लिए सूखा ही रहा। हालांकि फतेहाबाद जिले की तीन में दो सीटों पर 2019 में भाजपा ने जीत हासिल की थी। इस बार तीनों ही सीटों पर पार्टी का सूपड़ा साफ हो गया।
पार्टी ने 2024 के विधानसभा चुनावों में हारी हुई 42 सीटों पर फोकस किया है। नायब सरकार के 12 मंत्रियों और 30 विधायकों को इन हलकों का प्रभारी बनाया है ताकि 2029 में होने वाले विधानसभा चुनावों की रणनीति तय की जा सके। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का गढ़ कहे जाने वाले रोहतक व झज्जर जिलों में हुड्डा के प्रभाव को कम करने के लिए भाजपा ने गैर-जाट कार्ड खेला है। दोनों जिलों के आठ हलकों में से सात पर गैर-जाट नेताओं की ड्यूटी लगाई है।
वहीं जाट बाहुल्य महम सीट पर चरखी दादरी विधायक सुनील सतपाल सांगवान को इंचार्ज बनाया है। मंगलवार को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी की अध्यक्षता में हुई भाजपा विधायक दल की बैठक में मंत्रियों व विधायकों को उनके हलके अलॉट किए गए। इस लिस्ट में सबसे रोचक पहलू यह है कि नायब सरकार के सबसे वरिष्ठ मंत्री और अंबाला कैंट से सात बार के विधायक अनिल विज का नाम लिस्ट से बाहर है।
जजपा छोड़कर भाजपा में आए रामकुमार गौतम को भाजपा ने सफीदों से टिकट तो दे दिया लेकिन पार्टी ने उन्हें भी कोई दूसरा हलका नहीं सौंपा है। माना जा रहा है कि रामकुमार गौतम की बयानबाजी के चलते उन पर नेतृत्व ने ‘भरोसा’ नहीं जताया है। हालांकि सफीदों विधायक रामकुमार गौतम को कोई दूसरा हलका नहीं दिए जाने के पीछे स्वास्थ्य कारण भी बताए जा रहे हैं। राई विधायक कृष्णा गहलावत और पुंडरी विधायक सतपाल जाम्बा को भी किसी हलके की जिम्मेदारी नहीं मिली है।
स्पीकर हरविन्द्र कल्याण को कोई भी हलका नहीं दिए जाने के पीछे कारण उनका संवैधानिक पद पर होना बताया जा रहा है। लेकिन अनिल विज को कोई भी हलका नहीं मिलना चर्चाओं का विषय बना हुआ है। उनके साथ लगते अंबाला सिटी, सढ़ौरा, मुलाना, पंचकूला और नारायणगढ़ हलके में विपक्ष के विधायक होने के बाद भी विज को किसी हलके का प्रभार नहीं दिया गया है। कहा जा रहा है कि जिन विधायकों की कहीं ड्यूटी नहीं लगी है, पार्टी ने उनसे अन्य काम लेने का निर्णय लिया है।
जाटलैंड में इन्हें मिली कमान
भाजपा ने जाटलैंड के गढ़ी-सांपला-किलोई हलके में सहकारिता मंत्री अरविंद शर्मा, रोहतक में शहरी स्थानीय निकाय मंत्री विपुल गोयल, महम में दादरी विधायक सुनील सांगवान व कलानौर में कोसली विधायक अनिल ढहीना को इंचार्ज बनाया है। इसी तरह झज्जर में स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव, बेरी में होडल विधायक हरेंद्र सिंह रामरतन, बादली में सोहना विधायक तेजपाल तंवर तथा बहादुरगढ़ में खरखौदा विधायक पवन खरखौदा को प्रभारी बनाया है। 2014 में रोहतक शहर से भाजपा के मनीष ग्रोवर ने जीत हासिल की थी। वहीं झज्जर के बादली हलके से ओमप्रकाश धनखड़ व बहादुरगढ़ से नरेश कौशिक चुनाव जीते थे। लेकिन 2019 और 2024 में भाजपा इन दोनों जिलों की एक भी सीट पर खाता नहीं खोल पाई।
सिरसा में उतारे तीन मंत्री
चौटाला का गढ़ कहे जाने वाले इस जिला में भाजपा खाता नहीं खोल पा रही है। 2024 के चुनावों में भाजपा ने गोपाल कांडा की हलोपा का भी सहयोग लिया। यह भी आरोप लगे कि इनेलो के साथ भी भाजपा की मिलीभगत रही। बहरहाल, भाजपा ने इस जिले में तीन मंत्रियों को मोर्चाबंदी करने का जिम्मा सौंपा है। सिरसा शहर में समाज कल्याण मंत्री कृष्ण कुमार बेदी, ऐलनाबाद में सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी व डबवाली में खेल मंत्री गौरव गौतम काम करेंगे। पूर्व कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा को कालांवाली तथा बवानीखेड़ा विधायक कपूर सिंह वाल्मीकि को रानियां हलके की कमान सौंपी है।
फतेहाबाद-रतिया में पंजाबी कार्ड
पार्टी ने फतेहाबाद जिला में पंजाबी व बैकवर्ड कार्ड खेला है। हांसी से तीन बार के वरिष्ठ विधायक विनोद भ्याना को फतेहाबाद शहर का इंचार्ज बनाया है। वहीं अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित रतिया सीट पर सोनीपत विधायक रणबीर सिंह गंगवा इंचार्ज होंगे। टोहाना में पीडब्ल्यूडी मंत्री रणबीर सिंह गंगवा को इंचार्ज बनाया है। 2019 में फतेहाबाद से भाजपा के दूड़ाराम बिश्नोई और रतिया से लक्ष्मण नापा विधायक थे। वहीं टोहाना से जजपा के देवेंद्र बबली ने चुनाव जीता था।
नूंह की सीटों पर बैकवर्ड कार्ड
भाजपा ने मुस्लिम बाहुल्य नूंह जिला में बैकवर्ड कार्ड खेला है। इन जिले की तीनों सीटों पर पिछड़ा वर्ग के नेताओं को बतौर इंचार्ज लगाया है। नूंह में फरीदाबाद एनआईटी विधायक सतीश कुमार फगाना को इंचार्ज बनाया है। फिरोजपुर-झिरका में पूर्व मंत्री व नारनौल विधायक ओमप्रकाश यादव इंचार्ज होंगे। इसी तरह से पुन्हाना में समालखा विधायक मनमोहन भड़ाना को प्रभारी बनाया है।
नायब का हलका राणा के पास
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी वर्तमान में कुरुक्षेत्र जिला के लाडवा हलके से विधायक हैं। नायब सिंह सैनी पहली 2014 में नारायणगढ़ (अंबाला) हलके से विधायक बने थे। वे मनोहर सरकार के पहले कार्यकाल में राज्य मंत्री भी रहे। इस बार नारायणगढ़ से पार्टी ने लाडवा के पूर्व विधायक पवन सैनी को टिकट दिया था लेकिन पवन सैनी कांग्रेस की शैली चौधरी से चुनाव हार गए। भाजपा ने कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा को नारायणगढ़ हलके का इंचार्ज लगाया है।
54 वर्षों बाद क्यों ढहा भजनलाल का गढ़
हरियाणा की राजनीति में 2024 का विधानसभा चुनाव कई मायनों से अहम रहा। 1967 में पहली बार भजनलाल ने इसी सीट से चुनाव जीता था और जीत हासिल की थी। इसके बाद से भजनलाल परिवार कभी यहां से चुनाव नहीं हारा। लेकिन 2024 के चुनावों में भजनलाल के पोते भव्य बिश्नोई को कांग्रेस उम्मीदवार व पूर्व आईएएस चंद्रप्रकाश ने पटकनी दे दी। 54 वर्षों के बाद भजनलाल का दुर्ग क्यों और किन वजहों से ढहा, इसका पता अब कैबिनेट मंत्री कृष्ण लाल पंवार लगाएंगे। वे 2029 में यहां भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए रणनीति भी बनाएंगे।