नयी दिल्ली, 28 जुलाई (एजेंसी) भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेकर सदन के बाहर की गयी एक टिप्पणी को लेकर बृहस्पतिवार को विपक्षी दल को ‘आदिवासी और गरीब विरोधी’ करार दिया तथा पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी से इस पर माफी की मांग की। हंगामे के बीच लोकसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई। निचले सदन की कार्यवाही पूर्वाह्न 11 बजे शुरू हुई तो महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने इस विषय को उठाते हुए कहा कि सदन में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने देश की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को ‘राष्ट्रपत्नी’ कहकर उनका अपमान किया। ईरानी ने कहा कि राष्ट्र के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर विराजित मुर्मू का चौधरी ने ‘सड़क पर जाकर’ अपमान किया। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता के इस कृत्य को और ‘महिला राष्ट्रपति के इस अपमान’ को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी की स्वीकृति थी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इसके लिए कांग्रेस अध्यक्ष देश से माफी मांगें। उन्होंने कांग्रेस को महिला विरोधी, गरीब विरोधी और आदिवासी विरोधी करार दिया। इस दौरान सोनिया गांधी और चौधरी सदन में उपस्थित थे। ईरानी के साथ भाजपा के अनेक सांसद और विशेष रूप से पार्टी की सभी महिला सांसद इस दौरान खड़े होकर कांग्रेस नेता की टिप्पणी का विरोध करते देखी गयीं। भाजपा नेताओं के हंगामे के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही शुरू होने के करीब 5 मिनट बाद ही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।