गुवाहाटी, 23 मार्च (एजेंसी)भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मंगलवार को असम विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी का घोषणापत्र जारी किया और परिसीमन अभ्यास के माध्यम से लोगों के राजनीतिक अधिकारों की रक्षा करने का वादा किया। पार्टी ने घोषणापत्र में ‘10 वादे’ किए हैं, जिनमें सुप्रीमकोर्ट में राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) को अनिवार्य करने के लिए पेश की प्रविष्टियों को दुरस्त करना भी शामिल है, क्योंकि यह ‘वास्तविक भारतीय नागरिकों की रक्षा करता है और अवैध आव्रजन का रोकता है।’ घोषणापत्र में यह रेखांकित किया गया है कि अगर भाजपा सत्ता आई तो हर बच्चे को मुफ्त शिक्षा मुहैया कराई जाएगी, बाढ़ को नियंत्रित करने की व्यवस्था की जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आवश्यक वस्तुओं के लिए राज्य ‘‘आत्मनिर्भर” बन पाए। इसमें यह भी वादा किया गया कि ‘ओरुंडोई’ योजना के तहत महिलाओं को दी जाने वाली राशि 830 रुपये से बढ़ाकर 3 हजार रुपये कर दी जाएगी और पात्र निवासियों को ‘भूमि अधिकार’ भी दिए जाएंगे। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने यहां पार्टी का घोषणापत्र जारी करने के बाद कहा कि सही समय पर राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) को असम में जारी किया जाएगा। कांग्रेस पर तंज कसते हुए नड्डा ने कहा, ‘पार्टी दावा कर रही है कि वे संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) लागू नहीं होने देगी, जो असल में केन्द्र का कानून है। या तो उन्हें पता नहीं है या वे लोगों को मूर्ख बनाने की कोशिश कर रहे हैं।’
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।