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पंजाब में BJP और AAP आमने-सामने, 'सेवा कैंप' से दोनों दलों में बढ़ा टकराव

Punjab AAP vs BJP: केंद्र योजनाओं पर भाजपा का चुनावी अभियान, पंजाब सरकार ने जताई नाराजगी
एक सेवा केंद्र के दौरान परनीत कौर। ट्रिब्यून
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Punjab AAP vs BJP: पंजाब में 2027 विधानसभा चुनावों से पहले ही सियासी गर्मी तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गुरुवार को राज्यभर में केंद्र सरकार की योजनाओं और उनके लाभों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए व्यापक अभियान चलाया। इसके तहत विभिन्न जिलों में सेवा कैंप लगाए गए, लेकिन इस मुहिम ने राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया।

पंजाब सरकार ने शुक्रवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि पुलिस को शिकायतें मिली हैं कि कुछ लोग, जो खुद को एक विशेष राजनीतिक पार्टी से जोड़कर प्रस्तुत कर रहे थे, लोगों से उनके आधार, वोटर कार्ड और पैन कार्ड जैसी निजी जानकारी एकत्र कर रहे थे। पुलिस प्रवक्ता ने कहा कि कुछ शिकायतों में स्थानीय नागरिकों ने दावा किया कि उनके बैंक खातों से पैसे भी निकाले गए।

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प्रवक्ता ने जनता से आगाह किया कि किसी भी अवैध कैंप या सेवा केंद्र से अपने निजी डेटा को साझा न करें और ऐसी घटनाओं की सूचना तुरंत पुलिस को दें। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य भर में स्थापित सरकारी सेवा केंद्रों के माध्यम से ही सभी सरकारी कार्य कराए जा सकते हैं। किसी राजनीतिक पार्टी के किसी प्रतिनिधि को कमीशन देने की आवश्यकता नहीं है।

भाजपा की रणनीति : चुनाव से पहले जनकेंद्रित प्रचार

भाजपा पंजाब में 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर काफी गंभीर है। हालांकि फिलहाल भाजपा का मुख्य फोकस बिहार के चुनावों पर हैं, लेकिन पंजाब में भी समानांतर गतिविधियां चल रही हैं। पार्टी केंद्र की योजनाओं के लाभ जनता तक पहुंचाने के बहाने खुद को एक ‘जन-केंद्रित पार्टी’ के रूप में पेश कर रही है।

आप को सुरक्षा और निजी जानकारी पर आपत्ति

पंजाब में भगवंत मान के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी की सरकार ने भाजपा की इस मुहिम पर नाराजगी जताई। पार्टी का कहना है कि भाजपा की यह मुहिम राजनीतिक लाभ के लिए की जा रही है और इससे नागरिकों की सुरक्षा और निजी जानकारी के दुरुपयोग का खतरा बढ़ता है।

बढ़ सकता राजनीतिक टकराव

माना जा रहा है कि पंजाब में सियासी जंग अब केवल घोषणाओं तक सीमित नहीं रहेगी। केंद्र योजनाओं और सेवा कैंप के माध्यम से दोनों पार्टियों की रणनीतिक टकराहट जनता के बीच चुनावी माहौल को और गर्मा रही है। 2027 विधानसभा चुनाव की तैयारी में भाजपा और आप के बीच टकराव तेज होगा। केंद्रीय योजनाओं के प्रचार को भाजपा सियासी हथियार बना रही है।

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