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BJP ने सपा पर मस्जिद में राजनीतिक बैठक करने का लगाया आरोप, अखिलेश का पलटवार 

अखिलेश यादव ने संसद के पास स्थित मस्जिद में राजनीतिक बैठक की थी
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संसद के पास स्थित एक मस्जिद के अंदर राजनीतिक बैठक आयोजित करने के भाजपा के आरोप पर समाजवादी पार्टी (सपा) ने बुधवार को कहा कि यह एक सामाजिक मेलजोल था। सत्तारूढ़ दल बिहार में मतदाता सूची संशोधन और पहलगाम हमले में ‘खुफिया विफलता' जैसे वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए लोगों को गुमराह कर रहा है।
अखिलेश यादव, पार्टी सांसद मोहिबुल्ला नदवी (जो संसद के पास स्थित मस्जिद के इमाम भी हैं), डिंपल यादव, धर्मेंद्र यादव, जिया उर रहमान बर्क सहित अन्य लोगों की मस्जिद में बैठे हुए एक तस्वीर भाजपा नेताओं ने साझा की और दावा किया कि यह एक राजनीतिक बैठक थी। भाजपा के आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि अखिलेश यादव ने संसद के पास स्थित मस्जिद में राजनीतिक बैठक की थी।
मालवीय ने बैठक की तस्वीर ‘एक्स' पर साझा करते हुए कहा कि ये वही लोग हैं जिन्होंने राम मंदिर के भव्य उद्घाटन (22 जनवरी 2024) से खुद को अलग रखा था और इसे एक ‘राजनीतिक परियोजना' बताया था... यह धर्मनिरपेक्षता नहीं, बल्कि वोट बैंक के लिए किया जा रहा पाखंड है। भाजपा के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर, अखिलेश ने कहा कि भाजपा नकारात्मक मानसिकता वाले लोगों का समूह है। आस्था सकारात्मक होती है, जोड़ती है। भाजपा किसी भी ऐसी चीज से परेशान हो जाती है जो जोड़ती है।
वे नकारात्मकता चाहते हैं। आस्था जोड़ती है, भाईचारा लाती है, लोगों के बीच प्रेम और सम्मान बढ़ाती है। न्होंने संसद भवन परिसर में कहा कि आस्था तथा कोई भी धार्मिक स्थल कभी नकारात्मकता को बढ़ावा नहीं दे सकता। इसी मुद्दे पर बात करते हुए, डिंपल यादव ने कहा कि इमाम साहब हमारे सांसद हैं, उनकी पत्नी भी वहां थीं, हम एक सामाजिक मेलजोल के लिए गए थे, कोई बैठक नहीं हुई।
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