Bihar Politics : चुनाव आयोग पर सवाल, तेजस्वी ने उठाई निष्पक्षता की गुहार
तेजस्वी ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर चुनाव आयोग के दावे पर उठाया सवाल
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पटना, 13 जुलाई (भाषा)
Bihar Politics : राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने रविवार को निर्वाचन आयोग के इस दावे पर सवाल उठाया कि बिहार में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) तेज गति से चल रहा है। 25 जुलाई की समय सीमा से पहले इस प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा।
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने सुप्रीम कोर्ट के इस सुझाव पर निर्वाचन आयोग की ‘चुप्पी' पर भी कड़ी आपत्ति जताई कि आधार कार्ड और राशन कार्ड को स्वीकार्य दस्तावेजों की सूची में शामिल किया जाना चाहिए। इनको उन मतदाताओं द्वारा प्रस्तुत किया जाना है, जिनके नाम 2003 की मतदाता सूची में नहीं थे, जब आखिरी बार एसआईआर कराई गई थी। तेजस्वी ने कहा कि आयोग ने शनिवार को जारी अपने प्रेस नोट में दावा किया है कि राज्य के 7.90 करोड़ मतदाताओं में से 80 प्रतिशत से अधिक मतदाता पहले ही एसआईआर के तहत गणना फार्म जमा करा चुके हैं। यह एक हैरान करने वाला दावा है, क्योंकि अनुमानतः बिहार के चार करोड़ लोग अन्य राज्यों में रहते हैं। हम निर्वाचन आयोग से जानना चाहेंगे कि इस प्रक्रिया में कितने प्रवासियों को शामिल किया गया है।
यह सर्वविदित है कि चुनावों के दौरान बड़ी संख्या में लोग वोट डालने के लिए अपने गृह राज्य लौटते हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान, अनुमानित 40 लाख प्रवासियों के लिए कई विशेष रेलगाड़ियों का परिचालन करना पड़ा। निर्वाचन आयोग को बताना चाहिए कि इस बार क्या व्यवस्था की गई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि ऐसा लगता है कि निर्वाचन आयोग आंकड़ों के साथ खेल रहा है ताकि यह गलत धारणा बने कि वह यह काम कुशलतापूर्वक कर रहा है। हमें शिकायतें मिली हैं कि बूथ स्तर के अधिकारी (बीएलओ) लक्ष्य हासिल करने के लिए दबाव में हैं और वे संबंधित मतदाताओं से विधिवत हस्ताक्षर और भराई करवाए बिना ही गणना प्रपत्र एकत्र कर रहे हैं।
नेता ने कुछ वीडियो क्लिप भी चलवाए, जिनमें गणना प्रपत्र सड़कों पर बिखरे हुए दिखाई दे रहे हैं। तेजस्वी को इस वर्ष के अंत में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों के लिए विपक्षी ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस' (इंडिया गठबंधन)की समन्वय समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। तेजस्वी ने गठबंधन के कई सहयोगियों की मौजूदगी में कहा कि हमारा अब भी मानना है कि एसआईआर एक ऐसी कवायद है जिसका उद्देश्य सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को फायदा पहुंचाने के लिए, कई मौजूदा मतदाताओं को उनके मताधिकार से गलत तरीके से वंचित करना है।
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