Bihar Elections : बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा जल्द, 17 नई पहल देश को दिखाएंगी राह
Bihar Elections : मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा और इसके चरणों को लेकर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आगामी चुनाव में लागू की जाने वाली 17 नई पहल न केवल बिहार बल्कि पूरे देश के लिए मार्गदर्शक सिद्ध होंगी। बिहार चुनाव को छठ महापर्व की तरह लोकतंत्र के महापर्व के रूप में मनाया जाएगा।
उन्होंने भोजपुरी व मैथिली में मतदाताओं को संबोधित करते हुए आभार व्यक्त किया और लोकतंत्र के प्रति सहयोग के लिए बधाई दी। कुमार ने कहा कि बिहार ने वैशाली से लोकतंत्र को जन्म दिया है और अब बिहार से ही चुनाव सुधार की नई दिशा देश को मिलेगी। विशेष गहन पुनरीक्षण के तहत अपात्र मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं। वहीं योग्य मतदाता नामांकन की समाप्ति से दस दिन पहले तक फॉर्म-6 या फॉर्म-7 भरकर अपना नाम दर्ज करा सकते हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बिहार में मतदाता सूचियों के एसआईआर की कवायद पूरी होने पर संतोष व्यक्त करते हुए दावा किया कि इस कवायद से राज्य में 22 वर्षों के बाद मतदाता सूची का ‘‘शुद्धीकरण'' हुआ है।
हमारे पास 243 निर्वाचन क्षेत्रों में से प्रत्येक में एक ईआरओ (निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी) है। इस काम को पूरा करने में 90,207 बीएलओ ने उनकी मदद की, जिससे 22 वर्षों के बाद मतदाता सूचियों का शुद्धीकरण किया जा सका। इससे पहले, बिहार में मतदाता सूचियों का गहन पुनरीक्षण 2003 में हुआ था। नई पहल का कुछ हिस्सा चुनाव पूर्व लागू होगा और कुछ उपाय मतदान के दौरान प्रभावी रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुरूप आधार कार्ड को पहचान पत्र के रूप में स्वीकार किया गया है, लेकिन यह नागरिकता का प्रमाण नहीं है।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने राजनीतिक दलों से आग्रह किया कि वे हर मतदान केंद्र पर एजेंट की नियुक्ति सुनिश्चित करें और मतदान प्रक्रिया के दौरान फॉर्म 17सी तक उनकी उपस्थिति बनी रहे। मतदाताओं की सुविधा के लिए एक बूथ पर मतदाताओं की संख्या घटाकर 1200 कर दी गई है, ताकि लंबी कतारें न लगें और उन्हें मोबाइल रखने की अनुमति दी जाएगी।