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Bihar Elections 2025 : बिहार चुनाव में डिजिटल प्रचार पर नजर, थोक SMS और वॉइस मैसेज की निगरानी शुरू

बिहार : थोक एसएमएस और ‘वॉइस मैसेज' पर निर्वाचन आयोग की नजर

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सांकेतिक तस्वीर।
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Bihar Elections 2025 : बिहार विधानसभा के लिए छह नवंबर को होने वाले पहले चरण के मतदान की तैयारियों के बीच, निर्वाचन आयोग ने चेतावनी दी है कि मतदान समाप्त होने से पहले 48 घंटे की ‘अवधि' के दौरान थोक ‘एसएमएस' और ‘ऑडियो मैसेज' (ध्वनि संदेश) भेजना प्रतिबंधित है।

निर्वाचन आयोग ने नौ अक्टूबर को जारी एक नोट में प्रचार प्रतिबंधों की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए कहा कि मतदान समाप्त होने के लिए निर्धारित समय से पहले के 48 घंटों की अवधि के दौरान किसी भी मतदान क्षेत्र में टीवी, केबल नेटवर्क, रेडियो, सिनेमा हॉल में किसी भी चुनावी मुद्दे पर राजनीतिक विज्ञापन, थोक एसएमएस/ध्वनि संदेश, ध्वनि-दृश्य प्रचार सामग्री का उपयोग प्रतिबंधित है।

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इसके अलावा, आयोग ने मंगलवार को एक अलग बयान में कहा कि उसने नौ अक्टूबर को आदेश जारी किए हैं, जिसके तहत प्रत्येक पंजीकृत, राष्ट्रीय और राज्य-स्तरीय राजनीतिक दल और प्रत्येक उम्मीदवार को सोशल मीडिया सहित इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर प्रकाशन से पहले सभी राजनीतिक विज्ञापनों के पूर्व-प्रमाणन के वास्ते मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति (एमसीएमसी) के समक्ष आवेदन करना होगा। निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार राजनीतिक विज्ञापनों के पूर्व-प्रमाणन हेतु जिला और राज्य स्तर पर एमसीएमसी का गठन किया गया है।

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आयोग ने आगाह किया है कि संबंधित एमसीएमसी से पूर्व-प्रमाणन के बिना राजनीतिक दलों या उम्मीदवारों द्वारा सोशल मीडिया वेबसाइट सहित किसी भी इंटरनेट-आधारित मीडिया/वेबसाइट पर कोई भी विज्ञापन जारी नहीं किया जाएगा। यह समिति मीडिया में ‘पेड न्यूज' के संदिग्ध मामलों पर भी कड़ी नजर रखेगी और उचित कार्रवाई करेगी। चुनावी परिदृश्य में सोशल मीडिया की बढ़ती पहुंच को देखते हुए उम्मीदवारों को नामांकन दाखिल करते समय अपने प्रामाणिक सोशल मीडिया अकाउंट का विवरण साझा करने का भी निर्देश दिया गया है।

चुनावी कानून के प्रावधानों और बाद में उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का हवाला देते हुए, इसमें कहा गया है कि राजनीतिक दलों को विधानसभा चुनाव समाप्त होने के 75 दिन के भीतर सोशल मीडिया वेबसाइट सहित इंटरनेट के माध्यम से प्रचार पर हुए खर्च का विवरण भी निर्वाचन आयोग को प्रस्तुत करना चाहिए।

चुनाव नियामक ने कहा, ‘‘इस तरह के खर्चों में, अन्य बातों के अलावा, इंटरनेट कंपनियों और वेबसाइट को विज्ञापन देने के लिए किए गए भुगतान, साथ ही सामग्री तैयार करने पर आने वाला खर्च और उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स को बनाए रखने के लिए किए गए परिचालन व्यय भी शामिल होंगे।'' बिहार में छह और 11 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर को होगी।

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