Bihar Election : कांग्रेस का पीएम मोदी पर वार, कहा- ट्रबल इंजन सरकार’ में बेटियां असुरक्षित तो वोट मांगने का नैतिक अधिकार नहीं
‘ट्रबल इंजन' सरकार में बेटियां बेबस, मोदी को महिलाओं से वोट मांगने का नैतिक अधिकार नहीं:कांग्रेस
Bihar Assembly Election : कांग्रेस ने बिहार में महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाओं का हवाला देते हुए बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि ‘ट्रबल इंजन' सरकार में बेटियां बेबस हैं और ऐसे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को महिलाओं से वोट मांगने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि बिहार की जनता बदलाव का मन बना चुकी है और वह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को सत्ता से उखाड़ फेंकने वाली है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव में वोट पाने के लिए छठी मैया का अपमान कर रहे हैं। मुजफ्फरपुर में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने दावा किया कि छठ पूजा कांग्रेस और राजद नेताओं के लिए ‘नाटक' है लेकिन बिहार के लोग इस ‘अपमान' को वर्षों तक नहीं भूलेंगे और न ही उन्हें माफ करेंगे।
रमेश ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया कि प्रधानमंत्री बिहार की धरती से अपनी चुनावी भाषणों में राज्य की महिलाओं से वोट देने की अपील कर रहे हैं, जबकि सच्चाई यह है कि बिहार में ‘ट्रबल इंजन' की सरकार में राज्य की बेटियां पूरी तरह से बेबस हैं। महिलाओं के खिलाफ़ यौन हिंसा सहित अपराध चरम पर हैं। हर दिन के बीतने के साथ-साथ महिलाओं के खिलाफ़ यौन अपराध का ग्राफ बढ़ता गया और सरकार की संवेदनशीलता घटती गई।
रमेश ने कहा कि इसका चरम इसी साल मई महीने में देखने को मिला - हैवानियत की शिकार 11 वर्षीय दलित बच्ची को गंभीर अवस्था में इलाज के लिए पटना मेडिकल कॉलेज लाया गया। लेकिन आठ घंटे तक उसे अस्पताल में बेड नहीं दिया गया, और उसने एम्बुलेंस में ही दम तोड़ दिया। प्रधानमंत्री आते हैं, अपने चुनावी भाषणों में ढेरों झूठे वादे करते हैं, कुछ पल जनता का मनोरंजन करते हैं और चले जाते हैं। महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचार पर उनके मुंह से एक शब्द नहीं निकलता और निकलेगा भी कैसे, जब उनकी ही सरकार के मंत्रियों पर जघन्य आरोप लगे हों।
रमेश ने कहा कि 2018 में मुजफ्फरपुर में बालिका गृह कांड जैसा जघन्य और मानवता को झकझोर देने वाला मामला सामने आया था, जहां 34 से अधिक नाबालिग बच्चियों के साथ लंबे समय तक यौन शोषण हुआ। उनका कहना है कि जांच में उस समय की मंत्री मंजू वर्मा के पति पर आरोप लगे, जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा दिया। फिर भी 2020 में उन्हें टिकट दिया गया और अब उसी क्षेत्र से उनके पुत्र को उम्मीदवार बनाया गया है।
उनके अनुसार, इसी महीने बेगूसराय के चेरिया बरियारपुर में पूर्व मंत्री मंजू वर्मा के आवास परिसर के पीछे स्थित पोखर से 13 वर्षीय बच्ची की अर्धनग्न लाश मिली तथा शुरुआती जांच से संकेत मिलते हैं कि नाबालिग के साथ यौन हिंसा के बाद उसकी हत्या की गई। ऐसी अनेक घटनाओं के बाद, क्या बिहार की धरती पर महिलाओं से प्रधानमंत्री को वोट मांगने का कोई नैतिक अधिकार बचता है? राज्य की जनता इस बार बदलाव के लिए मन बना चुकी है। इस सरकार को अपने वोट के जरिए उखाड़ फेंकने का संकल्प वह ले चुकी है।

