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Bihar assembly session : एसआईआर के विरोध में विपक्षी नेता काले कपड़ों में पहुंचे विधानसभा

बिहार में विपक्षी दलों के विधायक राज्य में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के विरोध में मंगलवार को काले कपड़े पहनकर विधानसभा पहुंचे और इस मुद्दे पर सदन में हंगामा किया, जिसके कारण विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की...
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पटना में मंगलवार को काले कपड़े पहनकर विधानस पहुंचे विपक्षी दलों के सदस्य। -प्रेट्र
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बिहार में विपक्षी दलों के विधायक राज्य में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के विरोध में मंगलवार को काले कपड़े पहनकर विधानसभा पहुंचे और इस मुद्दे पर सदन में हंगामा किया, जिसके कारण विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

उन्होंने मतदाता सूची के जारी विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चर्चा की मांग की। पूर्वाह्न 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने के आधे घंटे से भी कम समय के भीतर विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने कार्यवाही स्थगित कर दी क्योंकि विपक्षी दलों के विधायकों ने हंगामा किया और कुछ सदस्य अध्यक्ष के आसन के समीप चले गए। विधायकों का हंगामा प्रश्नकाल के संचालन में बाधा पहुंचा रहा था।

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गौरतलब है कि सोमवार को मानसून सत्र के पहले दिन विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने अध्यक्ष से मुलाकात कर बताया था कि एसआईआर पर चर्चा अपेक्षित है, जिसका विपक्षी दलों का ‘इंडिया' गठबंधन विरोध कर रहा है और इस मुद्दे पर चर्चा में ‘‘किसी भी तरह की कोताही'' बर्दाश्त नहीं की जाएगी। राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस और वामपंथी दलों के विधायकों ने मंगलवार को विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही अपनी मंशा स्पष्ट कर दी थी, जिन्होंने कार्यवाही शुरू होने से पहले विधानसभा के मुख्य द्वार के सामने काले कपड़े पहनकर प्रदर्शन किया और एसआईआर के खिलाफ नारे लगाए। सदन में प्रवेश करते ही विधानसभा अध्यक्ष हैरान दिखे। उन्होंने विपक्षी दलों के विधायकों से कहा, ‘आप सभी बहुत अच्छे लोग हैं। आप काले कपड़े क्यों पहनकर आए हैं? यह अच्छा नहीं लग रहा है।'

विपक्षी दलों के सदस्यों ने एसआईआर के खिलाफ नारे लगाने शुरू कर दिए और उनमें से कई तख्तियां लहराते हुए अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए। इस पर, अध्यक्ष ने उन्हें शांत करने की कोशिश की और कहा, ‘‘कृपया इस तरह का व्यवहार नहीं करें। सब कुछ लाइव प्रसारित हो रहा है। आप सभी को जल्द चुनाव का सामना करना है। अपने गले पर जोर नहीं दें। आपको चुनाव प्रचार के लिए अपनी आवाज और गला ठीक रखना होगा।'

हालांकि, विपक्षी दलों के सदस्य शांत नहीं हुए और उनमें से कुछ ने राज्य की नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ भी नारे लगाए। सदन में मौजूद बिहार के मुख्यमंत्री कुछ समय के लिए अपनी सीट से उठे और सदस्यों के आचरण की निंदा की। राजद के वरिष्ठ नेता आलोक मेहता की अध्यक्ष के साथ तीखी बहस भी हुई, जो अध्यक्ष से अनुरोध करते दिखे कि उन्हें सदन में बोलने की अनुमति दी जाए। अध्यक्ष को यह कहते सुना गया, ‘मैं आपको अनुमति देने के लिए तैयार हूं। लेकिन आपको पहले अपने सहयोगियों को अपनी-अपनी सीट पर लौटने के लिए कहना होगा।''स्थिति में कोई सुधार नहीं होने पर अध्यक्ष ने कार्यवाही भोजनावकाश तक स्थगित कर दी।

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