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Bihar Assembly Elections : तेजस्वी का बड़ा वादा, कहा- हर घर में होगी सरकारी नौकरी लेकिन जनता को भरोसा तो हो

‘हर घर से एक को सरकारी नौकरी' के तेजस्वी के वादे पर जनता की मिली-जुली प्रतिक्रिया

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Bihar Assembly Elections : जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव के बिहार में सत्ता में आने पर ‘‘हर परिवार के लिए एक सरकारी नौकरी'' के वादे को मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है। कुछ लोगों ने इसे मात्र ‘‘चुनावी जुमला” बताया जबकि एक वर्ग ने उम्मीद जताई कि यह आश्वासन केवल बयानबाजी न होकर हकीकत में बदलेगा।

बेरोजगारी राज्य की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक है जिसके कारण बड़ी संख्या में लोग रोजगार की तलाश में बिहार से बाहर पलायन करते हैं। राजद के मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी तेजस्वी यादव ने हाल में कहा था कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आई तो सरकार बनने के “20 दिन के भीतर” इस वादे को लेकर औपचारिक घोषणा की जाएगी और “20 महीन के भीतर” नौकरियों का सृजन किया जाएगा।

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फुलवारी शरीफ इलाके में रहने वाले रेहान खान ने कहा, “यह सिर्फ एक चुनावी जुमला है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) राज्य के समग्र विकास पर काम कर रही है, न कि ऐसे अवास्तविक वादे कर रही है।” टाइल्स की दुकान में काम करने वाले मोहम्मद शेरू ने भी इस वादे पर संदेह जताते हुए कहा, “हर घर को सरकारी नौकरी देना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है लेकिन हम मुसलमानों के पास राजद के अलावा कोई और ठोस विकल्प नहीं है।”

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इसी क्षेत्र में सीमेंट की दुकान चलाने वाले अशोक कुमार राय का कहना है कि तेजस्वी का यह वादा पूरा करना मुश्किल है लेकिन वह मानते हैं कि अगर राजद सत्ता में आई तो रोजगार के अवसरों में कुछ सुधार अवश्य होगा। बेली रोड पर पान की दुकान चलाने वाले राजेश कुमार ने सवाल किया, “वह इतनी नौकरियां कहां से लाएंगे? अपने घर से?” उन्होंने कहा कि चुनावों में ऐसे वादे आम बात हैं और उन पर आंख बंद कर विश्वास करना मूर्खता होगी।

हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि वे “राज्य में भाजपा के विकल्प” की तलाश में हैं। मीठापुर निवासी मोहम्मद अंसारी ने भी तेजस्वी के इस वादे पर असंतोष जताया लेकिन कहा, “लालू यादव के प्रति हमारे मन में गहरा सम्मान है। वह ऐसे व्यक्ति हैं जिन पर भरोसा किया जा सकता है।”

खुद को राजद का कट्टर समर्थक बताने वाले चितकोहरा के अमरीश कुमार पुरी ने भी “हर घर में एक सरकारी नौकरी” का वादा पूरी होने की संभावना को खारिज किया। नवंबर 2023 में जारी बिहार की जातीय सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में लगभग 2.97 करोड़ परिवार हैं, जबकि मौजूदा सरकारी नौकरियों की संख्या मात्र 26.5 लाख है। तेजस्वी यादव जिस खाई को पाटने की बात कर रहे हैं, वह आंकड़ों के लिहाज से बेहद विशाल है।

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