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Bihar Assembly Elections : कांग्रेस 61 सीट पर लड़ेगी चुनाव, कई सीट पर ‘इंडिया' गठबंधन सहयोगियों के बीच दोस्ताना मुकाबला

Bihar Assembly Elections : कांग्रेस ने बिहार विधानसभा चुनाव में 61 सीट पर चुनाव लड़ने पर सहमति जतायी है, जो पांच साल पहले लड़ी गई सीट से नौ कम हैं। हालांकि इस बार पार्टी को कई विधानसभा क्षेत्रों में ‘‘इंडिया'...
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Bihar Assembly Elections : कांग्रेस ने बिहार विधानसभा चुनाव में 61 सीट पर चुनाव लड़ने पर सहमति जतायी है, जो पांच साल पहले लड़ी गई सीट से नौ कम हैं। हालांकि इस बार पार्टी को कई विधानसभा क्षेत्रों में ‘‘इंडिया' गठबंधन के अपने सहयोगियों जैसे राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के खिलाफ भी मुकाबला करना पड़ेगा। यह जानकारी सोमवार को बिहार में विपक्षी गठबंधन के एक नेता ने दी।

वैशाली, लालगंज, कहलगांव, राजापाकर और रोसड़ा ऐसी विधानसभा सीट हैं जहां कांग्रेस और राजद आमने-सामने होंगे। वहीं, बछवाड़ा सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार का मुकाबला भाकपा प्रत्याशी से होगा। स्थिति पर प्रतिक्रिया जताते हुए कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा कि इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता कि हमारा शीर्ष नेतृत्व जमीनी हालात का आकलन करने में विफल रहा और कई ऐसे उम्मीदवारों को टिकट दे दिया जो इसके लायक नहीं थे।

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उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि बरबीघा विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार गजानंद शाही ने 2020 के चुनाव में 200 से भी कम वोट के अंतर से हार झेली थी, फिर भी इस बार उन्हें टिकट नहीं दिया गया। पार्टी ने इस बार पूर्व विधायक अमित कुमार टुन्ना (रीगा) और जयेश मंगलम सिंह (बगहा) को टिकट दिया है, जबकि दोनों पिछली बार 25,000 से अधिक वोट के अंतर से चुनाव हारे थे।

इससे पहले दिन में बिहार की प्रमुख विपक्षी पार्टी राजद ने भी अपने 143 उम्मीदवारों की सूची जारी की थी। राजद की सूची जारी होने के साथ इसको लेकर अटकल समाप्त हो गई कि पार्टी बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार राम की सीट कुटुंबा से उम्मीदवार उतार सकती है। मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि इंडिया' गठबंधन के सहयोगियों को हमारी मजबूरियों को समझना चाहिए। राजद एक ऐसी पार्टी है जो सिर्फ बिहार और इसके आस-पास के राज्यों में चुनाव लड़ती है। हम दक्षिणी या अन्य राज्यों में अपने सहयोगियों से सीट नहीं मांगते। हम बिहार की सबसे बड़ी पार्टी हैं, इसलिए यहां हमें सबसे अधिक सीट पर चुनाव लड़ने का अधिकार है।

उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि कुछ सीट पर कांग्रेस, राजद और भाकपा के उम्मीदवार आमने-सामने हैं और कांग्रेस को उन सीट पर अपने उम्मीदवार वापस ले लेने चाहिए। बिहार की 243 सदस्यीय विधानसभा के लिए दो चरणों में चुनाव छह और 11 नवंबर को होगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर को होगी। पहले चरण के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 17 अक्टूबर को समाप्त हो चुकी है, वहीं दूसरे चरण के लिए नामांकन सोमवार को समाप्त होगा।

गौरतलब है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर ने हाल ही में पार्टी के प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया पर असंतोष जताते हुए कहा था कि उम्मीदवार चयन में कोई समान मानदंड दिखायी नहीं देता। कई उम्मीदवार जिन्होंने पिछली बार कुछ सौ वोट से हार झेली, उन्हें इस बार टिकट नहीं दिया गया, जबकि जिनकी हार भारी अंतर से हुई थी, उन्हें मौका मिला है। अनवर कटिहार लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने कहा था कि यह स्पष्ट नहीं है कि पार्टी ने उम्मीदवार तय करने में कौन-से मापदंड अपनाए हैं।

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