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Bihar Assembly Elections : ‘बुर्कानशीं' मतदाताओं की पहचान के लिए आंगनवाड़ी सेविकाएं रहेंगी उपलब्ध, जरूरत पड़ने पर होगी जांच

मतदान केंद्र के कैसे पर पहचान का सत्यापन होगा और उनका कड़ाई से पालन होगा

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सांकेतिक फोटो
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Bihar Assembly Elections : मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव में ‘‘बुर्कानशीं'' या ‘‘पर्दानशीं'' मतदाताओं की पहचान के लिए मतदान केंद्रों पर आंगनवाड़ी कर्मी उपलब्ध रहेंगी। आवश्यकता होने पर तय निर्देशों के तहत पहचान का सत्यापन होगा। उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव का कार्यक्रम घोषित करने से संबंधित संवाददाता सम्मेलन के दौरान एक सवाल के जवाब में यह टिप्पणी की।

कुमार से सवाल किया गया कि बुर्के या घूंघट में आने वाली महिला मतदाताओं की पहचान के लिए क्या प्रबंध किए गए हैं? जवाब में मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि जहां तक बुर्कानशीं की बात हो रही है...पर्दानशीं की बात है...तो पहचान के लिए हमारी आंगनवाड़ी सेविकाएं उपलब्ध रहेंगी। जरूरत पड़ने पर जांच होगी। निर्वाचन आयोग का स्पष्ट दिशानिर्देश हैं कि मतदान केंद्र के कैसे पर पहचान का सत्यापन होगा और उनका कड़ाई से पालन होगा।

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इससे पहले, बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने बीते शनिवार को निर्वाचन आयोग से विधानसभा चुनाव एक या दो चरणों में कराने और मतदान केंद्रों पर बुर्का पहनकर पहुंचने वाली महिलाओं के चेहरे का मिलान मतदाता पहचान पत्र से करने की मांग की थी। उन्होंने मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में बिहार दौरे पर गई आयोग की टीम से मुलाकात करने के बाद जायसवाल ने कहा था कि हमने आयोग से आग्रह किया है कि चुनाव एक या दो चरणों में कराए जाएं।

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चुनाव प्रक्रिया को अधिक खींचने की आवश्यकता नहीं है। साथ ही यह भी जरूरी है कि मतदान करने आने वाले मतदाताओं, खासकर बुर्का पहनने वाली महिलाओं की पहचान, उनके चेहरा का पहचानपत्र से मिलान करके सत्यापित की जाए, ताकि केवल वास्तविक मतदाता ही मतदान कर सकें।

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