Bihar Assembly Election : चुनाव से पहले अमित शाह की बिहार जनता से अपील, कहा- परिवारवाद नहीं, प्रदर्शन की राजनीति हो आगे
‘परिवारवाद की राजनीति' को खारिज कर ‘प्रदर्शन की राजनीति' को चुनें बिहार के लोग: शाह
Bihar Assembly Election : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि बिहार के लोगों को “परिवारवाद की राजनीति'' को खारिज करते हुए “प्रदर्शन की राजनीति” को चुनना चाहिए। यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रदेश में ‘जंगलराज' की कभी वापसी नहीं हो।
उन्होंने पटना के ज्ञान भवन में बुद्धिजीवियों के सम्मलेन को संबोधित करते हुए यह दावा भी किया कि कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) जैसी पार्टियां वंशवाद को बढ़ावा देती हैं, जबकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सुशासन और विकास की राजनीति का प्रतीक है। शाह ने कहा कि जनता को यह तय करना होगा कि वह प्रदर्शन की राजनीति चाहती है या परिवार की राजनीति। कांग्रेस और राजद जैसी पार्टियां केवल परिवार के हितों के लिए काम करती हैं, जबकि राजग सरकार ने बिहार को जंगल राज से बाहर निकालकर विकास के रास्ते पर आगे बढ़ाया है।
गृह मंत्री ने नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई का जिक्र करते हुए कहा कि यह पहला विधानसभा चुनाव होगा, जिसमें पूरे बिहार में मतदान शाम 5 बजे तक चलेगा, क्योंकि राज्य अब नक्सलमुक्त हो गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले 20 वर्षों में बिहार को "जंगल राज" से मुक्त कर सुशासन की नींव रखी है। नीतीश जी ने 15 वर्षों तक बिहार की खोई हुई गरिमा को बहाल किया और अब नया व विकसित बिहार बनाने की आधारशिला रखी है। उन्होंने सुशासन की नींव डाली, इसलिए उन्हें ‘सुशासन बाबू' कहा जाता है।
उनका कहना था कि डबल इंजन की सरकार में बिहार में बड़े स्तर पर बुनियादी ढांचा विकसित हुआ है। गंगा पर कई विशाल पुलों का निर्माण हो रहा है, चार नए हवाई अड्डे बने हैं, दरभंगा में नया एम्स बन रहा है। यह राजग सरकार का “तीसरा चरण” है और अब लक्ष्य है कि बिहार में भारी उद्योग स्थापित हों, जिससे बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन हो। ऐसे काम न तो लालू जी कर सकते हैं, न राहुल जी। नई सरकार बिहार को डेटा सेंटर हब बनाने और प्रवासनमुक्त राज्य बनाने की दिशा में काम करेगी।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि बिहार कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) की क्रांति का नेतृत्व कर सकता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने सभी क्षेत्रों में अभूतपूर्व प्रगति की है और “देश में महंगाई पिछले चार दशकों में सबसे कम स्तर पर है। राहुल गांधी “घुसपैठियों के अभियान” का नेतृत्व कर रहे हैं और निर्वाचन आयोग को ऐसे सभी नाम मतदाता सूची से हटाने चाहिए। वे हर परिवार को सरकारी नौकरी देने का वादा कर रहे हैं, लेकिन क्या वे बता सकते हैं कि इसके लिए बजट कहां से आएगा? लोगों को सुनिश्चित करना होगा कि बिहार में जंगल राज फिर कभी न लौटे।