Bihar Assembly Election : बिहार में महागठबंधन का बड़ा कदम, सीट शेयरिंग पर जल्द बन सकती है सहमति
Bihar Assembly Election : बिहार में विपक्षी महागठबंधन अगले कुछ दिनों में सीट बंटवारे को अंतिम रूप दे सकता है और संयुक्त घोषणापत्र के साथ अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर सकता है। शीर्ष सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस के बीच बातचीत जारी है और सोमवार को उनके शीर्ष नेताओं की बैठक हो सकती है, क्योंकि राजद प्रमुख लालू प्रसाद और पार्टी नेता तेजस्वी यादव राष्ट्रीय राजधानी में हैं।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, ‘‘कांग्रेस अध्यक्ष बिहार में सभी गठबंधन सहयोगियों से बात कर रहे हैं और उन कुछ सीट पर उम्मीदवारों के चयन के लिए अंतिम चर्चा जारी है, जहां कांग्रेस और कुछ अन्य दल अपनी स्थिति मजबूत मानते हैं। कांग्रेस अध्यक्ष पिछले दो दिन से बिहार में सभी नेताओं से बात कर रहे हैं।'' उन्होंने कहा कि राजद और कांग्रेस के नेतृत्व के बीच भी बातचीत जारी है और दोनों मुख्य दलों के नेता सोमवार तक मुलाकात भी कर सकते हैं। सीट बंटवारे की घोषणा में देरी पर रमेश ने कहा, ‘‘हमें ‘महागठबंधन' में कुछ नये सहयोगियों को शामिल करना होगा और सीट बंटवारे में भी उन्हें समायोजित करना होगा।''
उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि अगले दो-तीन दिन में सभी सीट पर अंतिम फैसला हो जायेगा और इसकी घोषणा कर दी जाएगी।'' इस बार कांग्रेस कितनी सीट पर चुनाव लड़ेगी, इस बारे में पूछे जाने पर रमेश ने कहा, ‘‘50 से 100 के बीच में।'' हालांकि, सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस को 50 से अधिक लेकिन 70 से कम सीट मिलेंगी, जिन पर कांग्रेस ने पिछली बार बिहार में चुनाव लड़ा था। सूत्रों ने बताया कि बिहार विधानसभा चुनाव में कुछ और सीट पर उम्मीदवारों के नाम तय करने के लिए सोमवार को पार्टी मुख्यालय में कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की बैठक होगी। रमेश ने कहा, ‘‘कांग्रेस को सम्मानजनक और स्वीकार्य संख्या में सीट मिलने की संभावना है।''
बिहार में विपक्षी महागठबंधन की चुनावी संभावनाओं के बारे में रमेश ने कहा, ‘‘बिहार में बदलाव की इच्छा है और कांग्रेस द्वारा जारी आरोप-पत्र को बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली है।'' राजद शासन के खिलाफ भाजपा के ‘‘जंगल-राज'' के विमर्श पर उन्होंने कहा कि ‘‘लोग आज की मौजूदा स्थिति के बारे में चिंतित हैं, न कि 20 साल पहले क्या हुआ था, इसके बारे में।'' कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘लोग जानते हैं कि नीतीश कुमार का नियंत्रण नहीं है और वह अब केवल एक चेहरा हैं। वह मुख्यमंत्री के रूप में वापसी नहीं करने वाले हैं और वह 20 साल पहले जैसे नहीं हैं।'' उन्होंने भाजपा पर बिहार में भी ध्रुवीकरण में लिप्त होने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि नौकरशाही वर्तमान में बिहार सरकार चला रही है और ऐसी प्रबल भावना है कि नीतीश कुमार ‘‘वहां तो हैं, लेकिन नियंत्रण में नहीं हैं।'' उन्होंने दावा किया कि हालांकि राजग प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजना पर निर्भर है, जिसने अच्छी सुर्खियां बटोरीं, लेकिन लोग जमीनी हकीकत को समझते हैं और बदलाव चाहते हैं। पार्टी सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस राजग के विमर्श और रियायतों का मुकाबला करने के लिए कुछ योजनाओं की घोषणा करने पर काम कर रही है और जल्द ही उनकी घोषणा होने की संभावना है। ‘वोट चोरी' अभियान के अलावा, कांग्रेस अति पिछड़े वर्गों पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है।
पिछले बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 70 सीट पर चुनाव लड़ा था और 19 पर जीत हासिल की थी, जबकि राजद ने 144 सीट पर चुनाव लड़ा था और 243 सदस्यीय विधानसभा में 75 सीट हासिल की थी। बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में छह और 11 नवंबर को होने हैं और मतगणना 14 नवंबर को होगी। पहले चरण के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 10 अक्टूबर को शुरू हुई थी और इस चरण में 121 सीट पर मतदान होगा।