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हरियाणा में CET पास युवाओं को बड़ी राहत, नौ हजार रुपये मासिक वित्तीय मदद मिलेगी

ग्रुप-सी और डी के पदों के लिए सरकार ने अनिवार्य की हुई कॉमन पात्रता परीक्षा
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ट्रिब्यून न्यूज सर्विस, चंडीगढ़, 13 नवंबर

Haryana CET: हरियाणा के युवा वोटर प्रदेश की नायब सरकार के एजेंडे में टॉप पर हैं। युवाओं को अपने साथ जोड़े रखने के लिए सरकार ने सरकारी नौकरियों में ‘मिशन मैरिट’ को जारी रखने के साथ-साथ युवाओं के लिए रोजगार के नये अवसर उपलब्ध करवाने की विशेष कार्ययोजना बनाई है। एक और बड़ा निर्णय लेते हुए नायब सरकार ने सीईटी (कॉमन पात्रता परीक्षा) पास युवाओं को दो वर्षों के लिए 9 हजार रुपये मासिक की वित्तीय मदद देने का ऐलान किया है।

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बुधवार को विधानसभा में राज्यपाल बण्डारू दत्तात्रेय से अपने अभिभाषण में सरकार के इस निर्णय का खुलासा किया। दरअसल, मनोहर सरकार के समय ही ग्रुप-सी और डी यानी तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के पदों के लिए कॉमन पात्रता परीक्षा को अनिवार्य कर दिया था। हरियाणा राज्य कर्मचारी चयन आयोग द्वारा इस परीक्षा का आयोजन किया जाता है। आयोग द्वारा अगले माह यानी दिसंबर में यह परीक्षा फिर से आयोजित की जाएगी।

सीईटी पास करने वाले सभी युवाओं को सरकारी नौकरी मिल पाना संभव नहीं है। ऐसे में अब सरकार ने तय किया है कि सीईटी पास युवाओं को अगर एक साल में नौकरी नहीं मिलती तो उन्हें अगले दो वर्षों तक 9 हजार रुपये मासिक मानदेय दिया जाएगा। यहां बता दें कि केंद्र की तर्ज पर पूर्व की मनोहर सरकार ने ग्रुप-सी और डी के पदों में इंटरव्यू सिस्टम खत्म किया था। इसी के अंतर्गत इन पदों के लिए सीईटी को अनिवार्य िकया गया। हरियाणा में अभी तक एक ही बार सीईटी एग्जाम हुआ है।

ग्रुप-डी यानी चतुर्थ श्रेणी के पदों के लिए सीईटी पास युवाओं का मैरिट के आधार पर सीधे विभागों व बोर्ड-निगमों में चयन किए जाने के नियम हैं। वहीं ग्रुप-सी के युवाओं को सीईटी पास करने के बाद पदों के हिसाब से तय अन्य लिखित परीक्षा भी पास करनी अनिवार्य है। इस परीक्षा में मैरिट में आने वाले युवाओं को भी बिना इंटरव्यू के नौकरियां मिल सकती हैं। पदों के मुकाबले सीईटी पास युवाओं की संख्या कई गुणा होती है।

ऐसे में अब सरकार ने उन सभी युवाओं को नौ हजार रुपये मासिक देने का निर्णय लिया है, जो सीईटी पास करने के बाद भी नौकरी हासिल नहीं कर पाते। हालांकि ऐसे युवाओं को यह आर्थिक मदद दो वर्षों के लिए ही मिलेगी। सरकार की सोच है कि इस अवधि के दौरान इन युवाओं में से बड़ी संख्या में युवाओं को किसी ने किसी क्षेत्र में नौेकरी मिल सकती है। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि विदेश में रोजगार के लिए जाने वाले युवाओं की मदद की जाएगी। डंकी रूट के जरिये विदेशों में एंट्री को सरकार पूरी तरह से रोकने की कोशिश करेगी।

1 लाख 20 हजार की नौकरी सुरक्षित

नायब सरकार ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत कार्यरत 1 लाख 20 हजार के लगभग कांट्रेक्ट कर्मचारियों को रोजगार की गारंटी दी है। रोजगार गारंटी से जुड़ आर्डिनेंस सरकार पहले ही जारी कर चुकी है। चालू विधानसभा सत्र के दौरान ही सरकार द्वारा यह आर्डिनेंस सदन में पेश किया जाएगा। आर्डिनेंस के तहत कांट्रेक्ट कर्मचारियों को रिटायरमेंट उम्र यानी 58 वर्ष तक के लिए रोजगार की गारंटी होगी। इससे पहले मनाेहर सरकार गेस्ट शिक्षकों को रोजगार की गारंटी के लिए कानून बना चुकी है। इसी तर्ज पर अब कांट्रेक्ट कर्मचारियों के लिए कानून बनेगा।

1 लाख 70 हजार को नौकरी

राज्यपाल ने खुलासा किया कि राज्य की मौजूदा सरकार पिछले दस वर्षों यानी अक्तूबर-2014 से लेकर अभी तक 1 लाख 70 हजार सरकारी नौकरियां दे चुकी है। युवाओं को आगे भी सरकार ‘बिना पर्ची-बिना खर्ची’ के नौकरियों के अपने मिशन को जारी रखेगी। इसी के तहत दो लाख नई नौकरियां देने का ऐलान भाजपा ने चुनावों के दौरान किया हुआ है। चुनावी नतीजों के बाद 24 हजार से अधिक युवाओं को नौकरी दी भी जा चुकी है।

युवाओं को मासिक स्टाइपंड

हरियाणा सरकार ने केंद्र की मोदी सरकार की ‘नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशन’ योजना को हरियाणा में लागू करने का निर्णय लिया है। इस योजना के तहत हरियाणा के युवाओं को भी मासिक स्टाइपंड मिल सकेगा। नायब सरकार ने ऐलान किया है कि दो लाख युवाओं को सरकारी नौकरी के अलावा प्रदेश के पांच लाख युवाओं को अन्य रोजगार के अवसर दिए जाएंगे। इन युवाओं को प्राइवेट सेक्टर में नौकरियां उपलब्ध करवाने की कोशिश सरकार करेगी।

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