UPI यूजर्स के लिए बड़ी खबर, बैलेंस चेक, टांजैक्शन नियमों में आज से हुआ बदलाव
UPI Payment Rules: नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने UPI प्लेटफॉर्म को और तेज, सुरक्षित और विश्वसनीय बनाने के लिए 1 अगस्त से नए नियम लागू किए हैं। ये बदलाव Google Pay, PhonePe, Paytm जैसे प्रमुख UPI ऐप्स पर...
Advertisement
UPI Payment Rules: नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने UPI प्लेटफॉर्म को और तेज, सुरक्षित और विश्वसनीय बनाने के लिए 1 अगस्त से नए नियम लागू किए हैं। ये बदलाव Google Pay, PhonePe, Paytm जैसे प्रमुख UPI ऐप्स पर लागू होंगे। नए नियमों का उद्देश्य धोखाधड़ी को कम करना, सिस्टम की कार्यक्षमता बढ़ाना और यूजर्स को बेहतर अनुभव प्रदान करना है। आइए जानते हैं प्रमुख बदलावों के बारे में:
बैंक बैलेंस पूछताछ
- यूजर्स अब एक दिन में अधिकतम 50 बार अपने बैंक बैलेंस की जांच कर सकेंगे।
- पीक आवर्स में बैलेंस चेक करने पर सीमाएं या अस्थायी रोक लग सकती है।
- हर लेनदेन के साथ यूजर्स को उनका उपलब्ध बैलेंस दिखाई देगा।
ऑटोपे (स्वचालित भुगतान)
- ऑटोपे लेनदेन केवल गैर-पीक घंटों में संसाधित होंगेAdvertisement
सुबह 10:00 बजे से पहले
दोपहर 1:00 बजे से शाम 5:00 बजे के बीच
रात 9:30 बजे के बाद
- पीक आवर्स में शेड्यूल किए गए भुगतान निर्धारित समय से पहले या बाद में हो सकते हैं।
- असफल ऑटोपे लेनदेन के लिए रीट्राई की सुविधा होगी, लेकिन बार-बार असफल होने पर भुगतान रद्द हो जाएगा।
बैंक विवरण
- यूजर्स अपने मोबाइल नंबर से जुड़े बैंकों की सूची देख सकते हैं।
- इस सुविधा का उपयोग एक दिन में 25 बार तक सीमित होगा।
- अनुरोध यूजर द्वारा UPI ऐप में बैंक चुनने के बाद ही शुरू होगा।
लेनदेन की स्थिति जांच
- असत्यापित लेनदेन अब "पेंडिंग" के बजाय जल्दी अपडेट होंगे।
- यूजर्स किसी लेनदेन की स्थिति को केवल 3 बार जांच सकेंगे, प्रत्येक प्रयास के बीच 90 सेकंड का अंतर होगा।
रिसीवर का नाम
- प्रत्येक लेनदेन से पहले प्राप्तकर्ता का रजिस्टर्ड नाम दिखाया जाएगा।
- इससे गलत ट्रांसफर और धोखाधड़ी की संभावना कम होगी।
- नाम के साथ लेनदेन ID भी प्रदर्शित होगी।
उल्लंघन पर दंड
NPCI गैर-अनुपालन के लिए सख्त कदम उठा सकता है, जैसे: API प्रतिबंध, नए यूजर्स को जोड़ने पर रोक, जुर्माना या अन्य कार्रवाई।
नए नियमों के लाभ
- बेहतर प्रदर्शन: UPI ऐप्स की कार्यक्षमता में सुधार।
- धोखाधड़ी में कमी: प्राप्तकर्ता का नाम दिखने से गलत ट्रांसफर की संभावना कम होगी।
- सिस्टम लोड प्रबंधन: पीक आवर्स में सिस्टम पर दबाव कम होगा।
- पारदर्शिता और नियंत्रण: यूजर्स को लेनदेन और बैलेंस पर अधिक जानकारी और नियंत्रण।
Advertisement
×