BIBCO Eemployees : बीआईबीकोल कर्मचारियों से मुलाकात के बाद राहुल का बड़ा हमला, बोले- निजीकरण बना राष्ट्रीय अभिशाप
सरकारी संस्थानों की खत्म करने की साजिश भारत की आत्मा पर आघात है: राहुल
BIBCO Eemployees : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने वीरवार को आरोप लगाया कि सरकारी संस्थानों को खत्म करने की गहरी साजिश के तहत उनकी स्थिति खराब की जा रही है, जो भारत की आत्मा पर आघात है। कांग्रेस नेता ने भारत प्रतिरक्षा और जैविक निगम लिमिटेड (बीआईबीसीओएल) के कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात का वीडियो साझा करते हुए यह भी कहा कि राजग सरकार की निजीकरण की नीति भारत के लिए बहुत बड़ा अभिशाप बन गया है।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अपने अपने व्हाट्सएप चैनल पर पोस्ट किया कि सरकारी संस्थाओं का दमन और उनका निजीकरण आज राजग सरकार की सबसे बड़ी दुर्नीति और भारत के लिए एक बहुत बड़ा अभिशाप बन गया है। अभी कुछ दिनों पहले जनसंसद में भारत प्रतिरक्षा और जैविक निगम लिमिटेड (बीआईबीसीओएल) के कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात हुई। उन्होंने जो हालात बताए, वो सुनकर आप सिर्फ हैरान नहीं होंगे, स्तब्ध रह जाएंगे। इस सरकारी कंपनी के कर्मचारी सालों से वेतनहीन हैं तथा अपने घर का ख़र्च चलाने के लिए कर्ज, उधार और मजबूरी पर उनका जीवन टिका हुआ है।
उन्होंने कहा कि यह वही बीआईबीसीओएल है, जो भारत में वैक्सीन बनाने वाली एकमात्र सरकारी कंपनी है तथा जिसने पोलियो जैसी भयंकर बीमारी के उन्मूलन में ऐतिहासिक योगदान दिया। सरकार को कम कीमत पर वैक्सीन उपलब्ध कराने और हर बच्चे तक उसकी पहुंच सुनिश्चित करने में इसकी भूमिका निर्णायक रही है। लेकिन 2017 तक मुनाफ़े में चल रही इस कंपनी को जानबूझकर, योजनाबद्ध तरीक़े से घाटे में बदल दिया गया। कंपनी को इस स्थिति में पहुंचाया गया ताकि सरकारी कॉन्ट्रैक्ट निजी कंपनियों को सौंपे जा सकें।
राहुल गांधी ने कहा कि निजी कंपनियां महंगे दाम पर वैक्सीन बेचकर भारी मुनाफा कमाएं, उसकी कीमत आपकी जेब से निकाली जाए और एक दिन बीआईबीसीओएल को “नुकसान” के नाम पर बंद कर इसकी संपत्ति मुफ्त या सस्ते दामों में पूंजीपति मित्रों में बांट दी जाए। जानकारी होनी चाहिए कि बुलंदशहर में स्थित इस कंपनी की जमीन और संपत्ति काफी महंगी है, खास कर जेवर हवाई अड्डे की घोषणा होने के बाद, उसके पास होने के कारण इसकी कीमत आसमान छू रही है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि कर्मचारियों की आर्थिक पीड़ा सरकार से साझा की है। कर्मचारियों का लंबित वेतन और बकाया जल्द दिया जाएगा। सरकारी संस्थानों को धीरे-धीरे खत्म करने की यह साजिश बहुत गहरी है और यह भारत के भविष्य के लिए बेहद नुकसानदेह है। ये संस्थान जनता के हित के लिए बनाए गए थे - युवाओं को रोजगार देने और आपको सस्ती, भरोसेमंद सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए। आज इन्हें ही बीमार बनाकर निजी हाथों में सौंपा जा रहा है। यह सिर्फ निजीकरण नहीं है, यह जनता की जेब पर हमला है और भारत की आत्मा पर आघात है।

