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Bhena di Umeed : ड्रोन उड़ा, किस्मत भी बदल दी: संगरूर की महिला पायलट बनी गांव की प्रेरणा

जब तकनीक जज्बे से मिली तो बनी ‘ड्रोन दीदी’, महिलाओं को मिली नई उड़ान
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Bhena di Umeed : कभी अपने छोटे-से गांव में सीमित अवसरों से जूझती पनवां की प्रभजोत कौर अब ड्रोन उड़ाती हैं और अपने हुनर से पूरे इलाके की महिलाओं के लिए ‘जीवंत प्रेरणा’ बन गई हैं। भारत सरकार की ‘ड्रोन दीदी’ योजना और ‘उम्मीद फाउंडेशन’ के प्रोजेक्ट ‘भैणां दी उम्मीद’ ने उनकी जिंदगी में ऐसा ट्विस्ट लाया, जैसे किसी फिल्म का हीरो अचानक अपनी कहानी का किरदार बदल दे।

प्रभजोत बताती हैं, ‘पहले केवल परिवार चलाना ही चुनौती थी, अब मैं न सिर्फ अपना जीवन संवार रही हूं बल्कि अपने गांव की महिलाओं को भी आत्मनिर्भर बनने के मौके दे रही हूं। पहले मेरे लिए अपने परिवार का पेट भरना ही मुश्किल था। लेकिन ड्रोन पायलट बनने के बाद मैंने अपने लिए और अपने बच्चों के लिए नए अवसर खोले हैं। अब मैं खुद अपनी कमाई कर सकती हूं और दूसरों को भी इससे जोड़ रही हूं।’

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प्रभजोत के जीवन में यह बदलाव उम्मीद फाउंडेशन और उनके प्रोजेक्ट ‘भैणां दी उम्मीद’ के जुड़ने के बाद आया। इस प्रोजेक्ट के तहत महिलाएं न केवल प्रशिक्षण पाती हैं बल्कि उन्हें रोजगार के लिए आवश्यक उपकरण भी मुहैया कराए जाते हैं। प्रभजोत ने गुरुग्राम में ड्रोन ट्रेनिंग ली। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद उन्हें ड्रोन पायलट का लाइसेंस मिला। इसके बाद फाउंडेशन की मदद से उन्हें ड्रोन और स्प्रे किट प्रदान की गई। यही से उनकी आजीविका की नई कहानी शुरू हुई।

300 रुपये प्रति एकड़ की कमाई

अब प्रभजोत अपने ड्रोन का उपयोग कर आसपास के गांवों में कृषि कार्यों में किसानों की मदद करती हैं। उनका काम सिर्फ ड्रोन उड़ाना नहीं है, बल्कि फसलों में स्प्रे और अन्य कृषि तकनीकी मदद भी शामिल है। फसल के सीजन में वह रोजाना औसतन 10 से 15 एकड़ जमीन पर काम करती हैं। उनकी मेहनत का फल भी उनके हाथ आता है। प्रभजोत को हर एकड़ के काम के एवज में 300 रुपये मिलते हैं। धीरे-धीरे यह संख्या बढ़ कर माहवारी आय के रूप में एक लाख रुपये तक पहुंच सकती है।

प्रेरणा का स्रोत बनी प्रभजोत

सिर्फ अपने लिए नहीं, प्रभजोत ने अपने हुनर से गांव की अन्य महिलाओं के लिए भी मार्ग प्रशस्त किया है। अब आसपास की महिलाएं भी ड्रोन पायलट बनने के लिए प्रशिक्षित हो रही हैं। उम्मीद फाउंडेशन के संस्थापक और पूर्व विधायक अरविंद खन्ना कहते हैं, ‘हमने इस क्षेत्र में तीन महिलाओं को ड्रोन पायलट का प्रशिक्षण दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई ‘ड्रोन दीदी’ योजना के जरिए ये महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं और अपने परिवारों के सपनों को पूरा कर रही हैं।’

‘भैणां दी उम्मीद’ - महिलाओं के लिए अवसर

‘भैणां दी उम्मीद’ के माध्यम से संगरूर और आसपास के गांवों की महिलाएं अब आत्मनिर्भर बन रही हैं। प्रशिक्षण के साथ-साथ उपकरण और मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है। यह पहल न केवल रोजगार देती है बल्कि महिला सशक्तिकरण की नई मिसाल भी कायम करती है। प्रभजोत कौर इस योजना के जरिए साबित कर रही हैं कि जब अवसर और साहस मिल जाए, तो कोई भी महिला अपने और दूसरों के जीवन में बदलाव ला सकती है।

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