कोलकाता, 25 अक्तूबर (एजेंसी)पश्चिम बंगाल के पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी को सांस लेने में गंभीर समस्या होने के बाद सोमवार को सुबह सरकारी एसएसकेएम (सेठ सुखलाल करनानी मेमोरियल) अस्पताल के आईसीयू (गहन चिकित्सा इकाई) में स्थानांतरित किया गया। अस्पताल के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने बताया कि करीब 70 वर्षीय मुखर्जी को रविवार को नियमित जांच के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन रात में उनके सीने में दर्द हुआ और उन्हें सांस लेने में दिक्कत हुई। उन्होंने बताया, ‘उनका आईसीयू में उपचार किया जा रहा है और इस समय उनकी हालत स्थिर है। चिकित्सकों का एक दल मंत्री के स्वास्थ्य पर लगातार नजर रख रहा है।’ इससे पहले, नारद स्टिंग मामले में जमानत याचिका पर कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा रोक लगाए जाने के बाद प्रेसीडेंसी जेल भेजे गए मुखर्जी को इसी प्रकार की बीमारी के कारण मई में अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
दूरदृष्टा, जनचेतना के अग्रदूत, वैचारिक स्वतंत्रता के पुरोधा एवं समाजसेवी सरदार दयालसिंह मजीठिया ने 2 फरवरी, 1881 को लाहौर (अब पाकिस्तान) से ‘द ट्रिब्यून’ का प्रकाशन शुरू किया। विभाजन के बाद लाहौर से शिमला व अंबाला होते हुए यह समाचार पत्र अब चंडीगढ़ से प्रकाशित हो रहा है।
‘द ट्रिब्यून’ के सहयोगी प्रकाशनों के रूप में 15 अगस्त, 1978 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दैनिक ट्रिब्यून व पंजाबी ट्रिब्यून की शुरुआत हुई। द ट्रिब्यून प्रकाशन समूह का संचालन एक ट्रस्ट द्वारा किया जाता है।
हमें दूरदर्शी ट्रस्टियों डॉ. तुलसीदास (प्रेसीडेंट), न्यायमूर्ति डी. के. महाजन, लेफ्टिनेंट जनरल पी. एस. ज्ञानी, एच. आर. भाटिया, डॉ. एम. एस. रंधावा तथा तत्कालीन प्रधान संपादक प्रेम भाटिया का भावपूर्ण स्मरण करना जरूरी लगता है, जिनके प्रयासों से दैनिक ट्रिब्यून अस्तित्व में आया।