कोलकाता, 23 जुलाई (एजेंसी)
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विद्यालयों में नौकरियों संबंधी कथित घोटाले की जांच के सिलसिले में पश्चिम बंगाल के उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। एजेंसी के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। जब यह कथित घोटाला हुआ था, उस समय चटर्जी शिक्षा मंत्री थे। तृणमूल कांग्रेस के महासचिव चटर्जी से जांच के सिलसिले में शुक्रवार सुबह से पूछताछ की जा रही थी। उन्हें करीब 26 घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया। तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, ‘हम स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए हैं। हम उचित समय पर इस मामले पर बयान जारी करेंगे।’ इस बीच, विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने कहा कि ईडी को विधानसभा के किसी सदस्य को गिरफ्तार करने से पहले अध्यक्ष को इसके बारे में सूचित करना चाहिए। यह संवैधानिक नियम है, लेकिन चटर्जी की गिरफ्तारी के बारे में ईडी से मुझे कोई सूचना नहीं मिली।’
एजेंसी के एक अधिकारी ने बताया कि चटर्जी हमारे उन अधिकारियों के साथ सहयोग नहीं कर रहे थे, जो उनसे शुक्रवार सुबह से पूछताछ कर रहे थे। उन्हें दिन में एक अदालत में पेश किया जाएगा।’ चटर्जी को जोका स्थित एक ईएसआई अस्पताल ले जाया गया और उनकी चिकित्सकीय जांच की गई। वर्ष 2014 से 2021 तक राज्य के शिक्षा मंत्री रहे चटर्जी से इस साल अप्रैल और मई में सीबीआई ने भी इस घोटाले के सिलसिले में पूछताछ की थी। विपक्षी भाजपा ने राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर इस घटनाक्रम के बाद निशाना साधा और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से जवाब मांगा।
टीएमसी के शीर्ष नेतृत्व से पूछताछ करें एजेंसियां : भाजपा
भाजपा ने भ्रष्टाचार के कथित मामले में पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री की गिरफ्तारी के बाद शनिवार को मांग की कि जांच एजेंसियों को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के शीर्ष नेतृत्व से पूछताछ करनी चाहिए। भाजपा नेता दिलीप घोष ने आरोप लगाया कि टीएमसी नेताओं ने विभिन्न पदों पर भर्ती के सिलसिले में वर्षों से भारी धनराशि जमा की है। उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के स्पष्ट संदर्भ में कहा कि इस बात पर कोई विश्वास नहीं करेगा कि तृणमूल के आलाकमान को इसकी जानकारी नहीं थी। अब तक सामने आए सबूतों के आधार पर शीर्ष नेतृत्व से पूछताछ की जानी चाहिए।’ केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि यह ‘चोर मचाए शोर’ का मामला है।