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BBMB Row: भाखड़ा-पोंग डैम पर रिकॉर्ड स्तर का पानी, पंजाब-हरियाणा में विवाद तेज

BBMB Row: ब्यास नदी में आया इतिहास का सबसे ज्यादा पानी, पंजाब में बाढ़ से हाहाकार; डैम प्रबंधन पर उठे सवाल
सांकेतिक फोटो।
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BBMB Row:  इस बार मानसून ने उत्तर भारत में रिकॉर्ड पानी बरसाया है। भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) के चेयरमैन मनोज त्रिपाठी ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि ब्यास नदी में इस साल अब तक का सबसे ज्यादा 11.70 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) पानी आया है। इससे पहले 2023 में 9.5 बीसीएम पानी दर्ज किया गया था।

भाखड़ा डैम का स्तर इस बार 1679 फीट तक पहुंच गया, जबकि 1988 में यह 1685 फीट तक गया था। लगातार ऊपर से 2 से 2.5 बीसीएम पानी आने के बावजूद डैम से नियंत्रित तरीके से करीब 1.1 बीसीएम पानी छोड़ा गया। इसके बावजूद पंजाब के कई इलाकों में बाढ़ की स्थिति बनी और हजारों लोग प्रभावित हुए।

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यहां बता दें कि भाखड़ा और पोंग डैम उत्तर भारत की जीवनरेखा तो हैं, लेकिन पानी प्रबंधन को लेकर राज्यों में सामंजस्य की कमी लगातार संकट को जन्म दे रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि तकनीकी फैसलों के साथ राज्यों ने आपसी तालमेल और समय रहते ड्रेनेज व्यवस्था दुरुस्त की होती, तो पंजाब में तबाही का यह हाल नहीं होता।

पानी छोड़ने पर राज्यों में तनातनी

पंजाब सरकार का आरोप है कि बीबीएमबी ने समय से ज्यादा पानी छोड़ा, जिससे गांव डूबे और लोग संकट में आए। दूसरी ओर, हरियाणा का कहना है कि यदि अप्रैल में उसे डैम से पानी दिया जाता, जब स्तर 1550-1560 फीट था, तो आज पंजाब पर इतना दबाव नहीं होता। हरियाणा का तर्क है कि उस समय यदि तीन फीट पानी कम किया जाता तो बाढ़ का खतरा घट जाता। चेयरमैन मनोज त्रिपाठी ने इस विवाद पर कहा कि डैम से पानी छोड़ने का फैसला तकनीकी समिति लेती है, जिसमें पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के इंजीनियर शामिल होते हैं। उन्होंने कहा कि राज्यों की “कंजर्वेटिव अप्रोच” ही कई बार विवाद को जन्म देती है।

ड्रेनेज व्यवस्था पर उठे सवाल

मनोज त्रिपाठी ने साफ किया कि केवल डैम पर निर्भर रहकर बाढ़ से नहीं निपटा जा सकता। उन्होंने कहा कि राज्यों को चाहिए कि ड्रेनेज और नदियों की सफाई पर समय रहते काम करें, ताकि अचानक पानी छोड़े जाने पर बाढ़ जैसी स्थिति न बने।

क्षमता के करीब पहुंचा पानी

पोंग डैम की अधिकतम क्षमता 1400 फीट है, जबकि भाखड़ा डैम की सीमा 1680 फीट है। इस साल भाखड़ा डैम अपनी अधिकतम क्षमता के बेहद करीब पहुंचा। मौसम विभाग ने अगले तीन-चार दिनों तक भारी बारिश की संभावना से इनकार किया है, जिससे फिलहाल कुछ राहत की उम्मीद है।

पंजाब में तबाही, लोगों में आक्रोश

भाखड़ा डैम से पानी छोड़े जाने और लगातार बारिश के कारण पंजाब के कई इलाकों में खेत, घर और सड़कें जलमग्न हो गईं। लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना पड़ा। बाढ़ से गुस्से में स्थानीय लोगों ने डैम प्रबंधन और सरकारों को कटघरे में खड़ा किया है।

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