नयी दिल्ली, 19 सितंबर (एजेंसी)
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) के तहत कर्ज भुगतान में चूक करने वाली कंपनियों तथा व्यक्तिगत गारंटी देने वालों के खिलाफ साथ-साथ दिवाला कार्रवाई चल सकती है। सीतारमण ने शनिवार को राज्यसभा में दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2020 पर चर्चा का जवाब देते हुए यह बात कही। राज्यसभा में यह विधेयक ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। कुछ सदस्यों द्वारा यह मुद्दा उठाए जाने पर सीतारमण ने कहा, ‘कई बार कर्ज लेने वाली कंपनियों की ओर कुछ गारंटर होते हैं। ऐसे में वृहद कॉरपोरेट दिवाला समाधान एवं परिसमापन के लिए हमारा मानना है कि जहां तक संभव हो, कॉरपोरेट कर्जदार और उसके गारंटर के खिलाफ साथ-साथ दिवाला कार्रवाई की जाए।’ सरकार आईबीसी में संशोधन के लिए जून में अध्यादेश लेकर आई थी। इसके तहत यह प्रावधान किया गया था कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से 25 मार्च से 6 महीने तक कोई नयी दिवाला कार्रवाई शुरू नहीं की जाएगी। देश में कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए 25 मार्च को ही लॉकडाउन लगाया गया था।
वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि 25 मार्च से पहले कर्ज भुगतान में चूक करने वाली कंपनियों के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया के तहत कार्रवाई जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि इस संशोधन से ऐसी कंपनियों को राहत नहीं मिलेगी।