नयी दिल्ली, 7 मई (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कलकत्ता हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें राज्य के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) द्वारा की गई 25,753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति को अमान्य कर दिया गया था। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने हालांकि, सीबीआई को अपनी जांच जारी रखने और राज्य मंत्रिमंडल के सदस्यों की भी जांच करने की अनुमति दी।
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से कहा कि वह जांच के दौरान किसी संदिग्ध को गिरफ्तार करने जैसी कोई जल्दबाजी भरी कार्रवाई न करे। इससे पहले न्यायालय ने कथित भर्ती घोटाले को ‘व्यवस्थागत धोखाधड़ी’ करार देते हुए कहा कि अधिकारियों की जिम्मेदारी थी कि वे 25,753 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति से संबंधित डिजिटल रिकॉर्ड संभाल कर रखते। कलकत्ता हाईकोर्ट ने इन नियुक्तियों को अमान्य घोषित कर दिया था। गौर हो कि राज्य सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए कहा था कि अदालत ने ‘मनमाने तरीके से’ नियुक्तियां रद्द कर दीं।
‘जनता का विश्वास उठ गया तो कुछ नहीं बचेगा’
प्रधान न्यायाधीश ने राज्य सरकार की ओर से पेश वकीलों से कहा, ‘सरकारी नौकरियां बहुत कम हैं… अगर जनता का विश्वास उठ गया तो कुछ भी नहीं बचेगा। यह व्यवस्थागत धोखाधड़ी है। सरकारी नौकरियां आज बहुत कम हैं और उन्हें सामाजिक विकास के रूप में देखा जाता है। अगर नियुक्तियों पर भी सवाल उठने लगें, तो व्यवस्था में क्या बचेगा? लोगों का विश्वास खत्म हो जाएगा, आप इसे कैसे स्वीकार कर सकते हैं?’