नयी दिल्ली, 18 अप्रैल (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा दी गई जमानत सोमवार को रद्द कर दी और उससे एक सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने को कहा। चीफ जस्टिस एनवी रमण और जस्टिस सूर्यकांत व जस्टिस हिमा कोहली की विशेष पीठ ने कहा कि हाईकोर्ट ने अप्रासंगिक विचारों को ध्यान में रखा और प्राथमिकी की सामग्री को अतिरिक्त महत्व दिया। शीर्ष अदालत ने प्रासंगिक तथ्यों और इस तथ्य पर ध्यान देने के बाद कि पीड़ितों को सुनवाई का पूरा अवसर नहीं दिया गया था, गुण-दोष के आधार पर नए सिरे से सुनवाई के लिए जमानत अर्जी को भेज दिया।
फैसले के प्रभावी हिस्से को पढ़ने वाले न्यायमूर्ति जस्टिस ने कहा, ‘पीड़ितों की सुनवाई से इनकार और हाईकोर्ट द्वारा दिखाई गई जल्दबाजी में जमानत आदेश रद्द करने योग्य है।’ उन्होंने कहा कि यह मानने की जरूरत नहीं है कि आरोपी की जमानत अर्जी पर वही न्यायाधीश सुनवाई नहीं कर सकते हैं। शीर्ष अदालत ने कहा कि इस पहलू को हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पर छोड़ देना बेहतर है।
मिश्रा की जमानत रद्द करवाने के लिये दायर किसानों की याचिका पर शीर्ष अदालत ने चार अप्रैल को अपना आदेश सुरक्षित रखा था। सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने मिश्रा को जमानत देने के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा था कि जब मुकदमा शुरू होना बाकी था तो पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, घावों की प्रकृति जैसे ‘अनावश्यक’ विवरण में नहीं जाना चाहिए था। आशीष की जमानत रद्द करने की मांग करने वाली किसानों की याचिका पर आदेश सुरक्षित रखते हुए पीठ ने इस तथ्य का भी कड़ा संज्ञान लिया था कि राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील दायर नहीं की थी, जैसा कि शीर्ष अदालत द्वारा नियुक्त एसआईटी द्वारा सुझाया गया था।
पिछले साल 3 अक्तूबर को लखीमपुर खीरी में हिंसा के दौरान आठ लोग मारे गए थे। यह हिंसा तब हुई थी जब किसान उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इलाके के दौरे का विरोध कर रहे थे। उत्तर प्रदेश पुलिस की प्राथमिकी के अनुसार, एक वाहन जिसमें आशीष मिश्रा बैठे थे, उसने चार किसानों को कुचल दिया था।
किसानों को न्याय मिलने की उम्मीद
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आशीष मिश्रा की जमानत रद्द होने के फैसले ने किसानों को न्याय की उम्मीद दी है। टिकैत ने ट्वीट किया, ‘ सुप्रीम कोर्ट द्वारा मंत्री के पुत्र आशीष की जमानत रद्द करने से किसानों में न्याय की उम्मीद जगी है। उत्तर प्रदेश सरकार पीड़ित किसानों को सुरक्षा-मुआवजा-न्याय दिलाने का काम करे। बेगुनाह किसानों को जेल से निकलवाए। पूर्ण न्याय मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा।’