Tribune
PT
About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

Badaun Temple-Mosque Dispute : मंदिर-मस्जिद मामला फिर टला, अब अगली सुनवाई की प्रतीक्षा

बदायूं मंदिर-मस्जिद विवाद पर सुनवाई टली
  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

Badaun Temple-Mosque Dispute : उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले की एक अदालत में जारी नीलकंठ महादेव मंदिर बनाम शम्सी जामा मस्जिद के मुकदमे की सुनवाई 30 अगस्त के लिए स्थगित कर दी गई। अधिकारियों ने बताया कि दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) सुमन तिवारी के मातृत्व अवकाश पर जाने की वजह से सुनवाई स्थगित की गई।

मामले से जुड़े एक वकील ने बताया कि मुकदमा अपर दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन)/‘फास्ट ट्रैक' अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया है। अदालत ने मुकदमे की पिछली सुनवाई में ‘शम्सी जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी' के अधिवक्ता अनवर आलम का पक्ष सुना था। आलम ने अदालत में दलील दी थी कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के मुताबिक, अधीनस्थ न्यायालय इस तरह के धार्मिक ढांचे के विवाद पर सुनवाई के लिए अधिकृत नहीं हैं। इस मुकदमे को एक सिरे से खारिज किया जाना चाहिए।

Advertisement

नीलकंठ महादेव मंदिर पक्ष के अधिवक्ता वेद प्रकाश साहू ने बताया कि 24 जुलाई को इस बात पर फैसला होना था कि ऐसे मामले अधीनस्थ न्यायालय में सुने जा सकते हैं या नहीं। मुकदमे की सुनवाई वकीलों के अनुपस्थित रहने, अदालत में अवकाश रहने और न्यायाधीश के तबादले की वजह से फरवरी से टलती आ रही है। न्यायाधीश ने 28 मई को मुकदमे की फाइल की समीक्षा की।

वकील आलम ने 5 जुलाई को दोहराया कि उपासना स्थल अधिनियम, 1991 और शीर्ष अदालत के संबंधित फैसलों के तहत, अधीनस्थ न्यायालय के पास ऐसे मामलों की सुनवाई करने का अधिकार नहीं है। मंदिर के वकील विवेक कुमार रेंडर ने दलील दी कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश जारी या पहले से दायर मुकदमों की सुनवाई पर रोक नहीं लगाते।

Advertisement
×