आजम खान ने खुद को मिली सुरक्षा लेने से किया इनकार, खर्च उठा पाने में जाहिर की असमर्थता
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने खर्च उठा पाने में असमर्थता जाहिर करते हुए सरकार द्वारा उन्हें प्रदान की गई सुरक्षा लेने से इनकार कर दिया। पिछले महीने 23 सितंबर को 23 महीने जेल में रहने के बाद जमानत पर रिहा हुए खान को गिरफ्तारी से पहले मिली ‘वाई' श्रेणी की सुरक्षा फिर से बहाल कर दी गई है।‘वाई' श्रेणी की सुरक्षा में निजी सुरक्षा अधिकारी सहित 8 पुलिसकर्मी शामिल होते हैं।
यह मध्यम खतरे की आशंका वाले व्यक्ति को प्रदान की जाती है। खान के बेटे और पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम ने मंगलवार को बताया कि हम सुरक्षा के लिए मना नहीं कर रहे हैं। मेरे पिता ने बस इतना कहा है कि वह उन्हें दी गई सुरक्षा का खर्च वहन नहीं कर पाएंगे। अब्दुल्ला ने कहा कि पहले उन्हें सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए वाहन में एस्कॉर्ट और सुरक्षाकर्मी मिलते थे। अब चूंकि वह सुविधा उपलब्ध नहीं है।
अब जो सुरक्षा मिली है उसमें तैनात कर्मियों के आने-जाने और अन्य खर्च हमें खुद उठाने होंगे। हमारे परिवार की आर्थिक स्थिति इसकी इजाजत नहीं देती है। रामपुर से रिकॉर्ड 10 बार विधायक और एक बार सांसद रहे 77 वर्षीय खान वर्तमान में मुकदमों और खराब स्वास्थ्य से जूझ रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय पुलिस या सरकार ने उन्हें उनकी सुरक्षा बहाल करने के बारे में आधिकारिक तौर पर सूचित नहीं किया है। मुद्दा यह है कि बिना किसी औपचारिक संवाद के कोई कैसे जान पाएगा कि आपकी सुरक्षा में तैनात लोग कितने सच्चे हैं।
हांलांकि उन्होंने सुरक्षा की जरूरत को स्वीकार करते हुए कहा कि जाहिर है, खतरे की आशंका के आधार पर सुरक्षा बढ़ाई जाती है। चूंकि यह सुरक्षा प्रदान की गई है, इसका मतलब है कि इसकी जरूरत है। जमीन पर कब्जे और चोरी, डकैती समेत 100 से ज्यादा मुकदमों का सामना कर रहे उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री खान इस साल 23 सितंबर को जमानत पर सीतापुर जेल से रिहा हुए थे। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने 8 अक्टूबर को उनसे रामपुर स्थित उनके आवास पर मुलाकात की थी।