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Azam Khan Case : सपा राज में आजम खां को मिलेगा इंसाफ, अखिलेश यादव का खुला ऐलान, कहा - सभी झूठे केस होंगे रद्द

सपा की सरकार आई तो आजम खां पर दर्ज सभी झूठे मुकदमे वापस होंगे : अखिलेश यादव

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Azam Khan Case : समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को सपा के वरिष्ठ नेता एवं संस्थापक सदस्य आजम खां की रिहाई पर खुशी जताते हुए कहा कि राज्य में सपा की सरकार आई तो खां के खिलाफ दर्ज सभी झूठे मुकदमे वापस लिए जाएंगे।

आजम खां को करीब दो साल बाद सीतापुर जेल से रिहा किया गया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अखिलेश यादव ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जिस तरह मुख्यमंत्री जी (योगी आदित्यनाथ) ने अपने मुकदमे वापस लिए हैं... न सिर्फ अपने बल्कि उप मुख्यमंत्री (केशव प्रसाद मौर्य) और तमाम भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) नेताओं के मुकदमे भी वापस लिए गए हैं, उसी तरह सपा की सरकार आई तो आजम खां साहब पर दर्ज सभी झूठे मुकदमे वापस लिए जाएंगे।''

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उन्होंने कहा, ‘‘सपा नेता आजम खां साहब की रिहाई हो चुकी है। इसके लिए मैं अदालत का धन्यवाद देना चाहता हूं। हमें पहले से भरोसा था कि अदालत न्याय करेगी। हमें उम्मीद है कि आने वाले समय में एक भी झूठा मुकदमा नहीं लगाया जाएगा। भाजपा सरकार, रामपुर के विधायक (आकाश सक्सेना), भाजपा के अन्य नेता और वह अधिकारी, जिसे बार-बार विस्तार मिला है — अब अन्याय नहीं करेंगे।''

अखिलेश ने कहा, ‘‘समाजवादियों के लिए यह खुशी का समय है कि आजम खां जेल से रिहा हुए हैं।'' जब आजम खां के बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में शामिल होने की अटकलों पर सवाल पूछा गया, तो सपा प्रमुख ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। हालांकि उन्होंने कहा, ‘‘आजम खां साहब समाजवादी पार्टी, उसके संस्थापक नेताजी और हम सबके साथ हैं। भाजपा का मुकाबला करने में उनकी और समाजवादियों की हमेशा से बड़ी भूमिका रही है।''

सपा नेता आजम खां मंगलवार को लगभग दो साल बाद सीतापुर जिला कारागार से रिहा हुए। इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा राज्य सरकार को पुलिस रिकॉर्ड और सार्वजनिक नोटिसों से ‘‘जाति'' सूचक शब्द हटाने के निर्देश पर प्रतिक्रिया देते हुए अखिलेश यादव ने कहा, ‘‘सरकार अब जागी है, जब हर जगह स्वजातीय, वर्चस्ववादी और ताकतवर लोगों को बैठा दिया गया है। यह जो 5000 साल पुरानी बातें (वर्ण व्यवस्था के आधार पर भेदभाव) थी उनको दूर कैसे करेंगे।''' उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि यह उच्च न्यायालय का फैसला है, लेकिन मेरा मानना है कि हमारे समाज का पहला भावनात्मक रिश्ता जाति से है, इससे कोई इनकार नहीं कर सकता।"

जाति के आधार पर भेदभाव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘बाबा साहब भीमराव आंबेडकर को भी जातिगत भेदभाव का सामना करना पड़ा। उनकी किताब ‘एलिमिनेशन ऑफ कास्ट' पढ़ने लायक है। डॉ. राममनोहर लोहिया जीवन भर कहते रहे कि जाति तोड़ो, समाज की व्यवस्था बनाओ। नेताजी (मुलायम सिंह यादव) भी इसी सोच को लेकर संघर्ष करते रहे और सबको जोड़ते रहे।'' अखिलेश यादव ने 2017 में सत्ता परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री आवास को धुलवाए जाने का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि भविष्य में अदालत इस बात को भी देखेगी कि जातिगत भेदभाव कैसे खत्म हो। कोई जाति के आधार पर घर न धुलवाए, प्रतिमा न धुलवाए, मंदिर जाकर कोई गंगाजल से धोने की नौबत न आए। ऐसे लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए।''

पा प्रमुख अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि सरकारी पदों पर नियुक्तियों में भी जातिगत भेदभाव हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘अब तक जो पोस्टिंग हुई हैं, थानों में जो भेदभाव हुआ है, वह जाति के आधार पर ही हुआ है।'' उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में सभी पुलिस इकाइयों और जिला प्रशासन को निर्देश जारी किया है कि पुलिस रिकॉर्ड, सार्वजनिक नोटिसों और होर्डिंग/बैनरों से जातिसूचक शब्द हटाए जाएं। यह आदेश राज्य के कार्यवाहक मुख्य सचिव दीपक कुमार ने रविवार को जारी किया जिसमें यह भी कहा गया है कि जाति-आधारित नारे लिखे वाहनों के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम के तहत चालान किया जाएगा।

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