गांधीनगर, 20 अप्रैल (एजेंसी)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत जल्द ही पारंपरिक चिकित्सा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए ‘आयुष चिह्न’ जारी करेगा जो देश के आयुष उत्पादों की गुणवत्ता को प्रामाणिकता प्रदान करेगा। ‘हील इन इंडिया’ की बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जल्द ही उन लोगों के लिए एक विशेष आयुष वीजा श्रेणी शुरू करेगा जो इलाज के पारंपरिक तरीकों के लिए देश आते हैं। मोदी ने यहां महात्मा मंदिर में तीन दिवसीय वैश्विक आयुष निवेश और नवाचार सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस मौके पर मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्ननाथ और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के महासचिव डॉ टेड्रोस अधनोम घेब्रेसियस भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि किसानों को आयुष उत्पाद बनाने वाली कंपनियों से जोड़ने के लिए सरकार आयुष ई-मार्केट पोर्टल के आधुनिकीकरण और विस्तार पर भी काम कर रही है। उन्होंने कहा कि औषधीय पौधे किसानों की आय बढ़ाने का एक अच्छा स्रोत हो सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘यह बहुत जरूरी है कि औषधीय पौधों के उत्पादन में लगे किसानों को बाजार से आसानी से जुड़ने की सुविधा मिले।’ मोदी ने कहा कि सरकार अनुसंधान को बढ़ावा देने और आयुष निर्माण को नयी दिशा देने के लिए आयुष पार्कों का एक नेटवर्क बनाने जा रही है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आयुष आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी को दर्शाता है। भारत में इन वैकल्पिक चिकित्सा प्रणालियों के लिए समर्पित एक केंद्रीय मंत्रालय है।’ प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘नवीनतम तकनीक का उपयोग करके पुनरीक्षित उत्पादों को आयुष चिह्न दिया जाएगा। इससे विश्व के लोगों को विश्वास होगा कि वे गुणवत्तापूर्ण आयुष उत्पाद खरीद रहे हैं।’
‘तुलसी भाई’ नामकरण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस घेब्रेयेसस को एक भारतीय नाम ‘तुलसी भाई’ दिया। महानिदेशक के अनुरोध पर उन्हें यह भारतीय नाम दिया गया। डॉ. टेड्रोस के गुजरात के प्रति लगाव, गुजराती बोलने के प्रयास और भारतीय शिक्षकों प्रति उनके आदर को लेकर मोदी ने प्रसन्नता जताई। डॉ टेड्रोस ने कहा कि पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सरकारी समर्थन के साथ दीर्घकालिक रणनीतिक निवेश भी काफी महत्वपूर्ण है।