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Astronaut शुभांशु शुक्ला ने कहा- बचपन में शर्मीला था, सोचा नहीं था अंतरिक्ष जाऊंगा

Shubhanshu Shukla: अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने रविवार को कहा कि वह बचपन में "शर्मीले और संकोची" थे और युवावस्था में उन्होंने कभी अंतरिक्ष में जाने का सपना नहीं देखा था। भारतीय वायुसेना के एक कार्यक्रम में शुक्ला ने कहा...
नई दिल्ली में रविवार को गगनयात्रियों के सम्मान समारोह के दौरान ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अपनी पत्नी के साथ। पीटीआई फोटो
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Shubhanshu Shukla: अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने रविवार को कहा कि वह बचपन में "शर्मीले और संकोची" थे और युवावस्था में उन्होंने कभी अंतरिक्ष में जाने का सपना नहीं देखा था। भारतीय वायुसेना के एक कार्यक्रम में शुक्ला ने कहा कि उन्होंने राकेश शर्मा की ऐतिहासिक अंतरिक्ष उड़ान की कहानियां सुनी, लेकिन युवावस्था तक उन्होंने यह नहीं सोचा था कि वह अंतरिक्ष यात्रा पर जाएंगे।

उन्होंने कहा कि वह बचपन में शर्मीले और संकोची थे। शुक्ला ने कहा, “बचपन में हम राकेश शर्मा की अंतरिक्ष यात्रा की कहानियां सुना करते थे।” अंतरिक्ष यात्री ने हाल में संपन्न एक्सिओम 4 मिशन का हिस्सा बनने के अपने अनुभव को भी साझा किया।

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इस मिशन के जरिए वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) की यात्रा करने वाले पहले भारतीय बने। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्ला सहित गगनयान मिशन के चार अंतरिक्ष यात्रियों को सम्मानित किया और कहा कि गगनयान मिशन आत्मनिर्भर भारत की यात्रा में एक "नए अध्याय" का प्रतीक है।

अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला के लखनऊ आगमन के मद्देनजर जोर-शोर से जारी तैयारियां

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) से लौटने वाले भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला सोमवार को अपने गृहनगर लखनऊ लौटेंगे, जिनके भव्य स्वागत की तैयारियां जारी हैं। शुक्‍ला के परिवार के सदस्य इस खास मौके को यादगार बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे। शुभांशु के पिता शंभू शुक्‍ला ने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, "हम बहुत खुश हैं कि मेरा बेटा अपने गृहनगर आ रहा है, हालांकि मुझे अभी भी नहीं लगता कि उसे त्रिवेणी नगर में स्थित अपने घर आने का समय मिलेगा। मुझे उम्मीद है कि अगर कार्यक्रम और सुरक्षा प्रोटोकॉल अनुमति देंगे तो वह आएगा।"

शुभांशु के परिवार के अधिकांश सदस्य भी उनसे मिलने पहुंच चुके हैं। शंभू ने कहा कि शुभांशु की पत्नी कामना और बेटा कियाश भी उनके साथ लखनऊ आयंगे। उनके परिवार ने संकेत दिया है कि शुभांशु संभवतः तीन दिन के लिए लखनऊ में आयेंगे, हालांकि उनका कार्यक्रम आधिकारिक तौर पर जारी नहीं किया गया है।

शुभांशु के स्कूल सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) लखनऊ में एक "भव्य विजय परेड" का आयोजन किया गया है। समारोह की शुरुआत सुबह 8:45 बजे लखनऊ हवाई अड्डे पर सीएमएस के छात्रों द्वारा भव्य स्वागत के साथ होगी। इसके बाद शुक्ला सुबह 9:00 बजे हवाई अड्डे से शुरू होने वाली कार परेड में शामिल होंगे, जो गोमती नगर विस्तार परिसर से होते हुए जी-20 चौक तक जाएगी।

सीएमएस के मीडिया प्रमुख ऋषि खन्ना ने बताया कि सीएमएस के 63,000 से ज्यादा छात्र स्वागत करने के लिए तैयार हैं। सीएमएस गोमती नगर विस्तार परिसर प्रेक्षागृह में पूर्वाह्न 10:00 बजे एक भव्य सम्मान समारोह से पहले शुक्ला के सम्मान में एक विशेष मार्च निकाला जाएगा। खन्ना ने बताया कि उसी स्थान पर दोपहर 12:00 बजे एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, जिसमें शुभांशु शुक्ला भी शामिल होंगे।

शुभांशु के स्वागत में राज्य की राजधानी में पोस्टर लगाए जा रहे हैं। उत्‍तर प्रदेश विधानसभा ने पिछले सत्र में शुक्ला को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की उनकी ऐतिहासिक यात्रा के लिए बधाई दी थी। राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के प्रदेश महासचिव अंकुर सक्सेना ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर मांग की है कि लखनऊ में स्थित इंदिरा गांधी तारामंडल और क्षेत्रीय विज्ञान नगरी का नाम बदलकर भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के नाम पर रखा जाए।

ग्रुप कैप्टन शुक्ला 25 जून को फ्लोरिडा से प्रक्षेपित हुए एक्सिओम-4 मिशन का हिस्सा थे। वह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन जाने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री और राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय बने। अपने 18-दिवसीय मिशन के दौरान उन्होंने 60 से ज़्यादा प्रयोग किए और 20 सत्रों में भाग लिया।

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