नयी दिल्ली, 22 जनवरी (एजेंसी)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि विकास के मामले में पिछड़े जिले पहले देश की प्रगति के आंकड़ों को भी नीचे कर देते थे, लेकिन पिछले 7 साल में जब से उन पर विशेष ध्यान दिया गया और उन्हें आकांक्षी जिलों के रूप में पेश किया गया, तो यही जिले आज गतिरोध के बजाय गतिवर्धक बन रहे हैं। विभिन्न जिलों के जिलाधिकारियों के साथ वीडियो काॅन्फ्रेंस के माध्यम से संवाद के दौरान प्रधानमंत्री ने यह बात कही। उन्होंने विभिन्न मानकों पर पिछड़े देश के 142 जिलों का उल्लेख किया और वहां भी अब सामूहिक जिम्मेदारी से आकांक्षी जिलों की तर्ज पर विकास करने का जिलाधिकारियों से आह्वान किया।
असम, छत्तीसगढ़, गुजरात और कर्नाटक सहित कई राज्यों के मुख्यमंत्री और नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारी भी इस संवाद कार्यक्रम में मौजूद थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आकांक्षी जिलों में विकास के लिए प्रशासन और जनता के बीच सीधा संवाद और भावुक जुड़ाव बहुत जरूरी है। इस अभियान में प्रौद्योगिकी और नवोन्मेष महत्वपूर्ण पहलू हैं। आकांक्षी जिलों में मिली सफलता को बहुत बड़ा ‘कनवर्जेंस’ करार देते हुए उन्होंने कहा सारे संसाधन वही हैं, सरकारी मशीनरी और अधिकारी वही हैं, लेकिन परिणाम अलग हैं। उन्होंने कहा, ‘पिछले चार साल में देश के लगभग हर आकांक्षी जिले में जन-धन खातों में चार से पांच गुना की वृद्धि हुई है। लगभग हर परिवार को शौचालय मिला है, हर गांव तक बिजली पहुंची है और बिजली सिर्फ गरीब के घर में नहीं पहुंची है, बल्कि लोगों के जीवन में ऊर्जा का संचार हुआ है।’