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उत्तर भारत की ओर बढ़ रही राख, डीजीसीए ने जारी की एडवाइजरी

इथियोपिया का ज्वालामुखी 12 हजार साल में पहली बार फटा

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टूलूज़ वोल्केनिक ऐश एडवाइजरी सेंटर के अनुसार, इथियोपिया में हेली गुब्बी ज्वालामुखी 23 नवंबर को लगभग 12,000 साल में पहली बार फटा, जिससे राख का बड़ा गुबार उत्तर भारत की ओर बढ़ गया। हालांकि विस्फोट रुक गया है, लेकिन ज्वालामुखी से निकले राख के बादल यमन, ओमान, भारत और उत्तरी पाकिस्तान की ओर बह गए हैं। इसके चलते भारत ने फ्लाइट में संभावित रुकावट के लिए तैयारी कर ली है।

सोमवार को जारी एक ऑपरेशनल एडवाइजरी में, डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ़ सिविल एविएशन (डीजीसीए) ने सभी भारतीय एविएशन ऑपरेटरों को मस्कट फ्लाइट इन्फॉर्मेशन रीजन (एफआईआर) के ऊपर ज्वालामुखी की राख की बढ़ी हुई एक्टिविटी के बारे में अलर्ट किया और चेतावनी दी कि इस घटना से फ्लाइट सेफ्टी को सीधा खतरा है। रेगुलेटर ने कहा कि टूलूज़ और एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया ने ज्वालामुखी की राख की एडवाइज़री जारी की है, साथ ही ज्वालामुखी फटने की जानकारी देने वाला एक खास मैसेज ‘अष्टाम’ भी जारी किया है।

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पायलटों, डिस्पैचर्स और केबिन क्रू से ज़रूरी एक्शन के बारे में बताते हुए, रेगुलेटर ने कहा कि फ़्लाइट क्रू को सभी पब्लिश्ड राख-प्रभावित इलाकों और फ़्लाइट लेवल से बचना चाहिए, ताजा बुलेटिन के आधार पर फ़्लाइट प्लानिंग और रूटिंग को एडजस्ट करना चाहिए और बिना देर किए किसी भी संदिग्ध एक्सपोज़र की रिपोर्ट करनी चाहिए। इसमें इंजन में उतार-चढ़ाव, धुआं या केबिन के अंदर गंध के कोई भी संकेत शामिल हैं। फोटो एएनआई

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इंडिगो की फ्लाइट कैंसिल

कन्नूर से अबू धाबी जाने वाली इंडिगो 6ई 1433 फ्लाइट को ज्वालामुखी की एक्टिविटी की वजह से अहमदाबाद डायवर्ट कर कैंसिल कर दिया गया। इंडिगो के अधिकारी ने कहा, ‘इंडिगो प्रभावित यात्रियों को कन्नूर तक वापसी सर्विस देगी।’ स्पाइसजेट ने कहा, ‘अरब पेनिनसुला के कुछ हिस्सों में ज्वालामुखी की राख की एक्टिविटी की खबर मिली है। इससे इन इलाकों से उड़ने वाले विमानों के फ्लाइट ऑपरेशन पर असर पड़ सकता है।’

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