सेना ने जवानों की नयी तरह की वर्दी के लिए हासिल किया बौद्धिक संपदा अधिकार
भारतीय सेना ने तीन परत वाली नयी तरह की वर्दी के लिए बौद्धिक संपदा अधिकार हासिल कर लिया है। यह सैनिकों के शरीर को विभिन्न जलवायु परिस्थितयों में सुरक्षित रखने के साथ-साथ उनकी सैन्य गतिविधियों के भी अनुकूल है। रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि ‘न्यू कोट कॉम्बैट’ को आर्मी डिजाइन ब्यूरो के तत्वावधान में एक परामर्श परियोजना के रूप में राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (निफ्ट), दिल्ली द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है।
एक बयान के अनुसार, नयी तरह की वर्दी (डिजिटल प्रिंट) सेना के आधुनिकीकरण, स्वदेशीकरण और सैनिकों को आरामदेह वर्दी प्रदान करने की दिशा में एक और मील का पत्थर साबित होगा। अधिकारियों ने बताया कि तीन-परत वाली इस वर्दी में उन्नत तकनीकी वस्त्रों का उपयोग किया गया है तथा इसमें एर्गोनोमिक डिजाइन है, जिसे विभिन्न जलवायु और सामरिक स्थितियों में सहजता, गतिशीलता और संचालन दक्षता में सुधार के लिए तैयार किया गया है।
बयान में कहा गया है कि भारतीय सेना ने नये कोट कॉम्बैट (डिजिटल प्रिंट) के डिजाइन को पेटेंट, डिजाइन और ट्रेडमार्क महानियंत्रक, कोलकाता में सफलतापूर्वक पंजीकृत करा लिया है तथा इसे 7 अक्तूबर 2025 को पेटेंट कार्यालय की आधिकारिक पत्रिका में प्रकाशित किया गया। मंत्रालय ने कहा कि इस पंजीकरण के साथ, डिजाइन और पैटर्न, दोनों के विशिष्ट बौद्धिक संपदा अधिकार ‘पूरी तरह से’ भारतीय सेना के पास रहेंगे।
