मुख्य समाचारदेशविदेशहरियाणाचंडीगढ़पंजाबहिमाचलबिज़नेसखेलगुरुग्रामकरनालडोंट मिसएक्सप्लेनेरट्रेंडिंगलाइफस्टाइल

‘ऑपरेशन सिंदूर’ में सशस्त्र बलों ने दिखाई एकजुटता, रणनीतिक दूरदर्शिता : द्रौपदी मुर्मू

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि देश के सशस्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान एकजुटता और रणनीतिक दूरदर्शिता की ताकत का प्रदर्शन किया, जिसके परिणामस्वरूप नियंत्रण रेखा के पार आतंकवादी बुनियादी ढांचे को ध्वस्त किया गया। पहलगाम...
नयी दिल्ली में मंगलवार को राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय के 65वें पाठ्यक्रम के संकाय और पाठ्यक्रम सदस्यों का अभिवादन करतीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू। -एएनआई
Advertisement

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि देश के सशस्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान एकजुटता और रणनीतिक दूरदर्शिता की ताकत का प्रदर्शन किया, जिसके परिणामस्वरूप नियंत्रण रेखा के पार आतंकवादी बुनियादी ढांचे को ध्वस्त किया गया। पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत ने 7 मई को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान के नियंत्रण वाले इलाकों में आतंकी ढांचों को निशाना बनाया गया। इस हमले के बाद चार दिनों तक भीषण झड़पें हुईं, जो 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने पर सहमति के साथ समाप्त हुईं। यहां राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय के 65वें पाठ्यक्रम के संकाय और पाठ्यक्रम सदस्यों को संबोधित करते हुए मुर्मू ने कहा कि भारत सशस्त्र बलों को तकनीकी रूप से उन्नत युद्ध के लिए तैयार बल के रूप में परिवर्तित करने में लगा हुआ है। राष्ट्रपति ने कहा कि एकजुटता को बढ़ावा देने की प्रक्रिया सैन्य मामलों के विभाग के गठन के साथ शुरू हुई, जिसके सचिव प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) हैं। उन्होंने कहा, ‘मुझे यह जानकर खुशी हुई कि एकीकृत थिएटर कमांड और एकीकृत युद्धक समूहों की स्थापना के माध्यम से सशस्त्र बलों के पुनर्गठन के प्रयास चल रहे हैं।’

राष्ट्रपति ने ‘महाभारत’ का हवाला देते हुए कहा कि इसमें उन मूल्यों की अभिव्यक्ति मिलती है जिन्हें हम संजोते हैं। उन्होंने कहा,’युद्ध को टालने और सौहार्दपूर्ण समाधान पर पहुंचने के लिए हरसंभव प्रयास किया गया। शांति के प्रयासों का नेतृत्व मुख्य पात्र कृष्ण ने किया। जब युद्ध अपरिहार्य हो गया, तो कृष्ण ने सबसे महत्वपूर्ण योद्धाओं में से एक अर्जुन से कहा कि वे सभी संदेहों को दूर कर लें और बहादुरी से लड़ें। इस प्रकार, युद्ध और शांति के प्रति समग्र भारतीय दृष्टिकोण, शांति और अहिंसा के मूल्यों को सर्वोच्च महत्व देता है।’ मुर्मू ने कहा कि लेकिन जब कोई लड़ाई अपरिहार्य हो जाती है तो यह पूरे संकल्प के साथ लड़ने के लिए भी प्रेरित करती है।

Advertisement

Advertisement
Show comments