मुख्य समाचारदेशविदेशहरियाणाचंडीगढ़पंजाबहिमाचलबिज़नेसखेलगुरुग्रामकरनालडोंट मिसएक्सप्लेनेरट्रेंडिंगलाइफस्टाइल

पंजाब में 1158 असिस्टेंट प्रोफेसरों और लाइब्रेरियंस की नियुक्ति रद्द

सुप्रीम कोर्ट ने चयन प्रक्रिया काे बताया ‘मनमाना’
Advertisement

नयी दिल्ली, 14 जुलाई (ट्रिन्यू)

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पंजाब के सरकारी डिग्री कॉलेजों में 1158 असिस्टेंट प्रोफेसरों और लाइब्रेरियंस की नियुक्ति को रद्द कर दिया। अदालत ने कहा कि चयन में ‘पूरी तरह से मनमानी’ हुई और यह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के मानदंडों का उल्लंघन है। जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की पीठ ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की खंडपीठ के सितंबर 2024 के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें इन नियुक्तियों को बरकरार रखा गया था।

Advertisement

पीठ ने कहा, ‘इस मामले में, राज्य ने यूजीसी के नियमों का पालन नहीं किया और कानून के तहत निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बिना ही पदों को आयोग के दायरे से बाहर कर दिया। यह बिना किसी वैध कारण के अचानक किया गया। यह मनमानी है और कानून की नजर में इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।’ मनदीप सिंह और अन्य की अपील स्वीकार करते हुए, शीर्ष अदालत ने पंजाब सरकार को राज्य में लागू यूजीसी नियमों के अनुसार नये सिरे से भर्ती प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया।

विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब उच्च शिक्षा निदेशक ने अक्तूबर 2021 में एक सार्वजनिक नोटिस जारी कर विभिन्न विषयों के असिस्टेंट प्रोफेसर और लाइब्रेरियन के पदों के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए थे। चयन प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए कई उम्मीदवारों ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट का रुख किया था।

Advertisement
Show comments