Tribune
PT
Subscribe To Print Edition About the Dainik Tribune Code Of Ethics Advertise with us Classifieds Download App
search-icon-img
Advertisement

नियुक्ति पत्र अनिवार्य एक साल पर ग्रेच्युटी

देश में चार श्रम संहिताएं लागू

  • fb
  • twitter
  • whatsapp
  • whatsapp
Advertisement

सरकार ने शुक्रवार को एक ऐतिहासिक फैसले में सभी चार श्रम संहिताओं को अधिसूचित कर दिया। इस प्रमुख सुधार के जरिये 29 मौजूदा श्रम कानूनों को तर्कसंगत बनाया गया है। इसमें गिग यानी अल्पकालिक अनुबंध पर काम करने वाले कर्मचारियों के लिए सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा कवरेज, सभी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य नियुक्ति पत्र, सभी क्षेत्रों में वैधानिक न्यूनतम मजदूरी, समय पर भुगतान, एक साल रोजगार के बाद तय अवधि वाले कर्मचारियों को ग्रेच्युटी अौर सभी उद्योगों में महिलाओं के लिए नाइट शिफ्ट में काम करने की इजाजत जैसे प्रावधान शामिल हैं।

संहिताओं में नियोक्ता-अनुकूल छंटनी नियमों की अनुमति भी है, जिसकी श्रमिक संगठनों ने आलोचना की थी। एक अहम प्रावधान काम के घंटों से जुड़ा है। सामान्य कार्य के 8 घंटे प्रति दिन और 48 घंटे प्रति सप्ताह तक सीमित हैं। ओवरटाइम की अनुमति केवल श्रमिक की सहमति से दी जाएगी और इसका भुगतान नियमित दर से दोगुना किया जाएगा।

Advertisement

ये चार श्रम संहिताएं - वेतन संहिता 2019, औद्योगिक संबंध संहिता 2020, सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 और व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्य दशा संहिता, 2020 हैं। इन्हें पांच साल पहले संसद ने पास किया था। चारों संहिताओं में 29 श्रम कानून शामिल किए गए हैं।

Advertisement

कुछ मुख्य प्रावधान

n तय अवधि के लिए नियुक्ति पाने वाले कर्मचारियों (एफटीई) को स्थायी श्रमिकों के समान लाभ मिलेंगे, जिनमें अवकाश, चिकित्सा और सामाजिक सुरक्षा शामिल हैं।

n 40 वर्ष से अधिक आयु के श्रमिकों को मुफ्त वार्षिक स्वास्थ्य जांच।

n ओवरटाइम के लिए दोगुना वेतन।

n कर्मचारी राज्य बीमा निगम का लाभ पूरे देश में विस्तारित, 10 से कम कर्मचारियों वाली इकाइयों के लिए स्वैच्छिक और खतरनाक प्रक्रियाओं में शामिल इकाइयों के लिए अनिवार्य होगा।

n जोमैटो, स्विगी जैसी कंपनियों के लिए काम करने वाले गिग और प्लेटफार्म वर्कर्स को पहली बार परिभाषित किया गया है।

n मजदूर संगठनों ने पूर्व में छंटनी संबंधी अस्पष्ट प्रावधानों और संभावित मनमाने व्यवहार को लेकर इन संहिताओं की आलोचना की थी। मौजूदा प्रावधान में 100 या अधिक श्रमिकों वाले प्रतिष्ठानों को छंटनी के लिए सरकारी अनुमति की जरूरत थी, अब यह सीमा 300 श्रमिकों तक बढ़ा दी गई है।

मोदी ने कहा, सबसे बड़ा रिफॉर्म : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर लिखा, ‘श्रमेव जयते! आजादी के बाद यह श्रमिकों के हित में किया गया सबसे बड़ा रिफॉर्म है। यह देश के कामगारों को बहुत सशक्त बनाने वाला है। इससे जहां नियमों का पालन करना बहुत आसान होगा, वहीं ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को बढ़ावा मिलेगा।’ श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा, चारों श्रम संहिताओं को अधिसूचित कर दिया गया है और अब ये देश का कानून हैं। उन्होंने कहा कि श्रम संहिताएं रोजगार को संगठित रूप देंगी, श्रमिक संरक्षण को मजबूत करेंगी तथा श्रम परिवेश को सरल, सुरक्षित और वैश्विक गतिविधियों के अनुरूप बनाएंगी। सरकार अब विस्तृत नियम और योजनाएं बनाने के लिए परामर्श शुरू करेगी। इस बीच जहां जरूरी होगा, मौजूदा श्रम कानूनों के प्रावधान लागू रहेंगे।

Advertisement
×