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Anurag Rastogi : अनुराग रस्तोगी ने संभाला कार्यभार, चार आईएएस बन सकते स्पेशल चीफ सेक्रेटरी

वरिष्ठता में तीसरे नंबर पर थे रस्तोगी, सरकार ने वर्किंग स्टाइल के चलते किया चयन, सुधीर राजपाल नंबर-वन और सुमिता मिश्रा नंबर-2 की पॉजिशन पर
हरियाणा के नए मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने बृहस्पतिवार को अपना कार्यभार ग्रहण करने के बाद राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के साथ शिष्टाचार भेंट की।
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दिनेश भारद्वाज/चंडीगढ़, 20 फरवरी (ट्रिब्यून न्यूज सर्विस)

Anurag Rastogi : हरियाणा के नए मुख्य सचिव के रूप में 1990 बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अनुराग रस्तोगी ने बृहस्पतिवार को सुबह अपना कार्यभार संभाल लिया। वे दूसरी बार मुख्य सचिव बन हैं। हालांकि उनका पहला कार्यकाल चार दिन का था और वह अस्थाई था। अब वे सेवानिवृत्ति यानी 30 जून तक प्रदेश के मुख्य सचिव बने रहेंगे। प्रदेश के आईएएस अधिकारियों में वरिष्ठता को लेकर विवाद भी चलता रहा है।

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मुख्य सचिव की अधिकारिक वेबसाइट पर भारत के चुनाव आयुक्त बने डॉ़ विवेक जोशी के बाद वरिष्ठता सूची में सबसे ऊपर 1990 बैच के ही सुधीर राजपाल का नाम था। वहीं दूसरे नंबर पर होम सेक्रेटरी डॉ़ सुमिता मिश्रा का नाम है। इस लिस्ट में अनुराग रस्तोगी का नाम तीसरे नंबर पर है। वहीं चौथे नंबर पर इसी बैच के आनंद मोहन शरण और पांचवें पर राजा शेखर वुंडरू हैं।

ऐसे में बहुत संभव है कि अनुराग रस्तोगी के मुख्य सचिव बनने के बाद उनके ही बैच के चारों आईएएस अधिकारियों को स्पेशल चीफ सेक्रेटरी (एससीएस) का रैंक मिले। अनुराग रस्तोगी हरियाणा के 38वें मुख्य सचिव बने हैं। इससे पहले वे एफसीआर तथा राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव थे। वित्त विभाग के एसीएस भी वे थे और सरकार ने मुख्य सचिव के साथ-साथ उन्हें वित्त विभाग की भी जिम्मेदारी देकर रखी है।

आमतौर पर हरियाणा में उसी आईएएस अधिकारी को मुख्य सचिव बनाया जाता है, जो एफसीआर होता है। विवेक जोशी के मामले में ऐसा इसलिए नहीं हुआ क्योंकि टीवीएसएन प्रसाद की रिटायरमेंट के बाद वे सबसे वरिष्ठ आईएएस थे और केंद्र से प्रतिनियुक्ति से वापस लौटे थे। अक्तूबर-2024 में प्रसाद मुख्य सचिव पद से सेवानिवृत्त हुए थे। विवेक जोशी का मुख्य सचिव बनना तय हो गया था लेकिन उन्होंने क्योंकि 4 नवंबर को ज्वाइन करना था, इसलिए चार दिनों के लिए अनुराग रस्तोगी को मुख्य सचिव बनाया गया था।

ऐसे में रस्तोगी प्रदेश के पहले ऐसे आईएएस बन गए हैं, जिन्होंने दो बार मुख्य सचिव पद का कार्यभार संभाला है। यहां बता दें कि पहली नवंबर, 1996 को पंजाब से अलग होने के बाद जब हरियाणा अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में आया तो उस समय स्वरूप कृष्ण प्रदेश के पहले मुख्य सचिव बने थे। 30 सितंबर, 1974 के पहले तक आईएएस की बजाय आईसीएसओ (इंडियन सिविल सर्विसिज ऑफिसर) पद हुआ करता था। बाद में इसे आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) बनाया गया।

इसलिए बन सकते हैं एससीएस

एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी का कहना है कि अनुराग रस्तोगी के मुख्य सचिव बनने के बाद उन्हीं के बैच के बाकी चार आईएएस अधिकारियों को स्पेशल चीफ सेक्रेटरी का रैंक मिल सकता है। इनमें सुधीर राजपाल, डॉ़ सुमिता मिश्रा, आनंद मोहन शरण और राजा शेखर वुंडरू शामिल हैं। यहां बता दें कि अतिरिक्त मुख्य सचिव और स्पेशल चीफ सेक्रेटरी का मूल वेतन भी मुख्य सचिव के समान यानी 2 लाख 25 हजार रुपये निश्चित होता है। एससीएस पदनामित करने की संभावना इसलिए भी है क्योंकि 1991 से 1995 बैच तक के कई आईएएस अधिकारी भी अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) रैंक में हैं। ऐसे में 1990 बैच के चार आईएएस अधिकारियों को एसीएस रैंक में रखना उपयुक्त नहीं होगा।

भजनलाल ने दिया था कैबिनेट रैंक

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के अधिवक्ता हेमंत कुमार ने बताया कि लगभग 30 साल पहले 1994 में भजनलाल सरकार में 1962 बैच के आईएएस एचडी बंसल को मुख्य सचिव बनाया था। उस समय 1991 बैच के ही ए़ बनर्जी को कैबिनेट मंत्री के रैंक में हरियाणा योजना बोर्ड का चेयरमैन नियुक्त किया गया ताकि वह अपने से एक वर्ष जूनियर बैच के अधिकारी के अधीन न आएं। बंसल और बनर्जी दोनों ही सीधे मुख्यमंत्री को अपनी रिपोर्ट करते थे।

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